दुनिया में कोरोना / हवा से कोरोना फैलने पर WHO बोला- ये साबित नहीं हुआ

News18 : Jul 07, 2020, 05:08 PM
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) ने अमेरिका (US) में भयावह स्थिति पैदा कर दी है। उधर ब्राजील (Brazil) और भारत (India) में भी लगातार हालत बुरे बने हुए है। सोमवार को दुनिया भर में संक्रमण (Cocvid-19) के 1 लाख 70 हज़ार से ज्यादा नए केस सामने आए जिसके बाद कुल मामले बढ़कर अब 1 करोड़ 17 लाख से भी ज्यादा हो गए हैं। बीते 24 घंटे में संक्रमण से 3500 लोगों की मौत हो गयी और कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 5 लाख 40 हज़ार तक पहुंच गया है। अकेले अमेरिका में 1 लाख 30 हज़ार से ज्यादा मौतें हुईं है लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के मुताबिक स्थिति सामान्य है और कोरोना जानलेवा नहीं है।


#चीन में विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में भाग लेंगे 1.1 करोड़ स्टूडेंट

कोरोना वायरस के कारण हुई देरी के बाद चीन में मंगलवार से विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा शुरू हुईं। करीब 1.1 करोड़ छात्र इसमें भाग ले रहे हैं। दो दिन आयोजित होने वाली यह प्रवेश परीक्षा विद्यार्थियों के भविष्य को तय करने में मुख्य भूमिका अदा करती है। महामारी की वजह से यह प्रवेश परीक्षा अपने तय समयसीमा से कई सप्ताह बाद आयोजित हो रही है।


#हवा से कोरोना फैलने पर WHO बोला- ये साबित नहीं हुआ

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि सार्स-कोविड-2 वायरस जो लोगों में कोविड-19 बीमारी की वजह बनता है, मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह से निकली सूक्ष्म बूंदों के माध्यम से फैलता है। लेकिन क्लीनिकल इंफ़ेक्शियस डिज़ीज़ जर्नल में सोमवार को प्रकाशित हुए एक खुले ख़त में, 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने इस बात के प्रमाण दिए हैं कि ये फ़्लोटिंग वायरस है जो हवा में ठहर सकता है और सांस लेने पर लोगों को संक्रमित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन को लिखे इस खुले खत में वैज्ञानिकों ने गुज़ारिश की है कि अंतरराष्ट्रीय संस्था को कोरोना वायरस के इस पहलू पर दोबारा विचार करना चाहिए और नए दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए।


विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने अब कहा है कि ‘संस्था इस लेख से अवगत है और अपने तकनीकी विशेषज्ञों के साथ इसकी सामग्री की समीक्षा कर रही है।’ यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कोरोना वायरस हवा में कैसे फैलता है। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वायरस से बचाव के अब तक जो सुझाव दिये गए हैं, उनमें बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लोगों में कम से कम 3।3 फुट की दूरी होने से कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम संभव है। जो देश विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस सुझाव को गंभीरता से लागू करने का प्रयास कर रहे थे, उन्हें भी अपने दिशा-निर्देशों में तब्दीली करनी पड़ सकती है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन फ़िलहाल अपनी पुरानी समझ को ही पुख्ता और सही मान रहा है।


#कोरोना संकट की मार एड्स की जीवनरक्षक दवाओं पर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना संकट की वजह से एड्स की जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति बाधित हुई है। डब्ल्यूएचओ के एक सर्वे के अनुसार 73 देशों ने चेताया है कि कोविड-19 महामारी के कारण उनके यहां एड्स की जीवनरक्षक दवाओं का स्टॉक ख़त्म होने वाला है। वहीं, 24 देशों ने कहा कि उनके यहां एड्स की ज़रूरी दवाएं या तो बहुत कम हैं या उनकी सप्लाई बुरी तरह बाधित हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रस एडहॉनम गेब्रियेसुस ने इस स्थिति को ‘बेहद चिंताजनक’ बताया है। उन्होंने कहा, “दुनिया के देशों और उनके सहयोगियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि एचआईवी से ग्रसित लोगों को जीवनरक्षक दवाएं मिलती रहें। कोविड-19 की वजह से एड्स की वो जंग नहीं हार सकते जिस पर हमने मुश्किल से जीत हासिल की थी।”


#अमेरिका में मरने वालों की संख्या भयावह स्तर पर

जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या एक लाख 30 हज़ार से भी ज़्यादा हो गई है। इसका मतलब ये हुआ कि अमेरिका में मौतों का आंकड़ा ब्राज़ील से दोगुना है। अमेरिका के बाद कोविड-19 से सबसे ज़्यादा लोग ब्राज़ील में ही मरे हैं। यहां कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से अब तक 64, 867 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज़्यादा मौतें (32 हज़ार से ज़्यादा) हुई हैं और अब दक्षिणी राज्यों में भी पुष्ट संक्रमण मामलों का आंकड़ा बढ़ रहा है।


#नेपाल एयरलाइंस के तीन पायलट संक्रमित

नेपाल एयलाइंस कॉरपोरेशन (एनएसी) के तीन पायलट और चालक दल के चार सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। समाचार पत्र 'माई रिपब्लिका' की खबर के अनुसार एनएसी विदेश में फंसे नेपाली नागरिकों को वापस लाने के लिये कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन कर रही है। संक्रमित पाए गए पायलट और चालक दल के सदस्य ऐसी ही उड़ानों के संचालन का हिस्सा थे। खबर में कहा गया है कि एनएसी की प्रवक्ता अर्चना खडगा ने इस बात की पुष्टि की है। नेपाल में अब तक 15,964 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार फिलहाल देश के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में कोरोना वायरस से संक्रमित 9,118 लोगों का इलाज चल रहा है।


#पाकिस्तान में कोरोना वायरस के बहाने महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ी

पाकिस्तान में कोरोना वायरस महामारी के कारण महिलाओं को ना केवल आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है बल्कि उनके खिलाफ हिंसा के मामलों में भी वृद्धि हुई है। एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने यह दावा किया है। पाकिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन 'औरत फाउंडेशन' की परियोजना अधिकारी यासमीन मुगल ने कहा, ' महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में इजाफा हुआ है।'

बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी से संबंधित दो दिन की प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन कार्यक्रम में यासमीन ने कहा कि देश की आर्थिक गतिविधियों में शामिल महिलाओं को कोरोना वायरस महामारी ने बुरी तरह प्रभावित किया और सरकारी एवं गैर-सरकारी स्तर पर उनकी सुविधा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि अगर व्यावहारिक कदम नहीं उठाए गए तो पाकिस्तान में लाखों मध्यम वर्गीय परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने को मजबूर हो जाएंगे।


#सिंगापुर में भारत से आए पांच लोग संक्रमित

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 183 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 44,983 हो गई। वहीं भारत से आए पांच लोग भी संक्रमित पाए गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि सिंगापुर में रविवार को बाहर से आए सात लोग संक्रमित पाए गए। उनमें से पांच लोग भारत से आए थे। ये 20 और 23 जून को यहां आने के बाद से घर में पृथक-वास में रह रहे थे। सोमवार को कुल नए 183 मामले सामने आए हैं। इन नए मामलों में से 23 को छोड़कर बाकी सभी डोरमेट्री से सामने आए हैं। मंत्रालय ने बताया कि जांच के आधार पर सिंगापुर में समुदाय के भीतर से सामने आए 23 मामलों में से तीन सिंगापुर के नागरिक हैं या स्थायी निवासी (विदेशी) हैं जबकि 20 ऐसे हैं जिनके पास वर्क पास है लेकिन वे डोरमेट्री से बाहर रहते हैं।


#ऑस्ट्रेलिया ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सीमा सील की

ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित विक्टोरिया राज्य में संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से न्यू साऊथ वेल्स राज्य से लगने वाली सीमा बंद करने की घोषणा सोमवार को की गई। ऐसा पिछले सौ साल में पहली बार किया जा रहा है। विक्टोरिया के प्रीमियर डेनियल एंड्रियूज ने कहा कि मंगलवार रात से राज्य के साथ लगने वाली न्यू साउथ वेल्स की सीमा बंद कर दी जाएगी। पिछले चौबीस घंटे में विक्टोरिया में कोरोना वायरस संक्रमण के 127 नए मामले सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया। कोविड-19 से राज्य में अब तक 22, और देश में 106 मरीजों की मौत हो चुकी है।


एंड्रियूज ने कहा, 'हम सभी इस पर सहमत हुए कि सीमा सील करना सबसे अच्छा होगा।' उन्होंने कहा, 'न्यू साउथ वेल्स की ओर से सीमा बंद की जाएगी ताकि हमारे राज्य में संसाधनों की कमी न हो जो कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक है।' विक्टोरिया के लोगों को न्यू साउथ वेल्स जाने के लिए परमिट लेना होगा। उन्होंने कहा कि सीमा सील करने का निर्णय न्यू साउथ वेल्स की प्रीमियर ग्लेडिस बेरेजिकलियन और प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से बातचीत के बाद लिया गया है।


#कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच अफ्रीका में खुलने लगा विमानन क्षेत्र

दुनियाभर में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच अफ्रीका के कई देशों में विमानन क्षेत्र को खोलने की तैयारी हो रही है। हालांकि, उड़ान सेवा बहाल होने से संक्रमण के मामले भी बढ़ने की आशंका है। अफ्रीका के द्वीपीय देश सेशेल्स में लगातार 70 दिन तक संक्रमण का एक भी मामला नहीं आया लेकिन दो उड़ानों के आने के बाद यहां कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो गयी। एयर सेशेल्स का दो विमान 200 यात्रियों को लेकर सेशेल्स आया और साथ में कोरोना वायरस के मामलों में भी बढ़ोतरी हो गयी। आए हुए कुछ यात्रियों की जांच की गयी तो उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई। इस तरह 24 जून से 30 जून के बीच संक्रमित लोगों की संख्या 11 से बढ़कर 81 हो गयी। हिंद महासागर में स्थित इस देश ने वाणिज्यिक उड़ानों को आरंभ करने की तारीख भी बढ़ा दी है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो एक अगस्त से इसे खोला जाएगा। संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण पर्यटन पर आश्रित सेशेल्स के पास इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

मिस्र द्वारा तीन महीने बाद हवाई अड्डे को फिर से खोले जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की अफ्रीका प्रमुख मताशिदिसो मोइती ने कहा था, 'यह बहुत महत्वपूर्ण क्षण है।' दूसरे देश भी हवाई क्षेत्र को खोलने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि अफ्रीका में रविवार तक संक्रमण के 463,000 मामले आ चुके हैं और सबसे विकसित अर्थव्यवस्था वाले दक्षिण अफ्रीका को भी कोविड-19 के मरीजों के उपचार में दिक्कत आ रही है। संक्रमण को रोकने के लिए अफ्रीका के 54 देशों में से अधिकतर ने अपने वायुक्षेत्र को बंद कर दिया था लेकिन, इससे जीवन रक्षक दवा सहित अन्य आपूर्ति को लाने में दिक्कतें हुई। पीपीई किट और संक्रमण के जांच किट के पहुंचने में भी देरी हुई। डब्ल्यूएचओ की अफ्रीका प्रमुख ने कहा, 'कई सरकारों ने यात्रा को बहाल करने का फैसला किया है।' संक्रमण के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो चुकी है और पिछले तीन महीने में पर्यटन क्षेत्र को करीब 55 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। विमान कंपनियों को भी आठ अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा है।


#कोविड-19 दवाओं की जांच में अहम खोज

एक चिप पर लगी मनुष्य की कोशिका की झिल्ली इस बात की लगातार निगरानी कर सकती है कि दवाएं एवं संक्रामक एजेंट हमारी कोशिकाओं को किस प्रकार प्रभावित करते हैं। वैज्ञानिकों ने सोमवार को कहा कि इस उपकर का प्रयोग कोविड-19 के लिए संभावित दवाओं की जांच करने में किया जा सकता है। ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और अमेरिका की कोरनेल यूनिवर्सिटी और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक यह उपकरण किसी भी प्रकार की कोशिका- जीवाणु, मानवीय या यहां तक कि पौधों की सख्त कोशिका भित्ति की भी नकल कर सकता है। इन उपकरणों को कोशिका झिल्ली के अभिविन्यास एवं कार्यक्षमता को संरक्षित रखते हुए चिप पर तैयार किया गया है।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि उन्हें मानवीय कोशिकाओं में प्रोटीन के एक वर्ग, आयन चैनल की गतिविधि की निगरानी में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया है। यह प्रोटीन 60 प्रतिशत से अधिक स्वीकृत दवाओं का लक्ष्य होता है। उन्होंने कहा कि कोशिका झिल्लियां जैविक संकेतन में केंद्रीय भूमिका निभाती हैं। वे कोशिका और बाहरी दुनिया के बीच द्वारपालक बन कर वायरस से होने वाले संक्रमण से लेकर दर्द में राहत दिलाने तक हर चीज को नियंत्रित करती हैं।अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने एक ऐसा सेंसर तैयार करने का लक्ष्य रखा जो कोशिका झिल्लिी के सभी अहम पहलुओं जैसे उसका ढांचा, तरलता और आयन गतिविधि पर नियंत्रण आदि को संरक्षित रखे और वह भी कोशिका को जिंदा रखने के लिए बहुत अधिक समय लेने वाले कदमों के बिना। यह उपकरण एक इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल कर कोशिका से निकाली गई झिल्ली में किसी तरह के बदलाव को मापता है। इससे वैज्ञानिकों को सुरक्षित एवं आसान ढंग से यह समझने में मदद मिलेगी कि कोशिकाएं बाहरी दुनिया से कैसे प्रभावित होती हैं। साथ ही नयी दवाओं और एंटीबॉडी की भी पहचान की जा सकती है।

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