Coronavirus / फ्री जमीन लेने वाले निजी अस्पताल कोरोना का क्यों नहीं कर सकते फ्री इलाज- SC

News18 : May 27, 2020, 02:57 PM
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के हर दिन सामने आ रहे नए मामलों के कारण सरकारी अस्पतालों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में निजी अस्पतालों से मदद लेने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन निजी अस्पतालों में इलाज बहुत महंगा होता है, जो हर किसी मरीज के बस की बात नहीं है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से निजी अस्पतालों को लेकर जानकारी मांगी है। अदालत ने बुधवार को पूछा है कि अगर निजी अस्पताल (Private Hospitals) मुफ्त में कोरोना मरीजों का इलाज नहीं कर सकते, तो सरकार ने इन अस्पतालों को मुफ्त में जमीन क्यों दी?

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे (CJI SA Bobde) ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, 'प्राइवेट अस्पतालों के लिए सरकार मुफ्त में जमीन मुहैया कराती है या फिर बहुत मामूली चार्ज लेती है। ऐसे में इन अस्पतालों को इस महामारी के वक्त संक्रमितों का मुफ्त इलाज करना चाहिए।' सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज को लेकर वाकई कोई दिक्कत है।

बेंच ने सॉलिसिटर जनरल को उन प्राइवेट अस्पतालों की लिस्ट बनाने को कहा है, जिन्हें चैरिटी ग्राउंड पर जमीन मुफ्त में अलॉट की गई थी। कोर्ट ने एक हफ्ते में इसकी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अदालत ने कहा, 'आपको ऐसे अस्पतालों के बारे में पता लगाना चाहिए। इन अस्पतालों में चैरिटी ग्राउंड पर क्या काम होता है।'

इस मामले में सचिन जैन नाम के एक शख्स ने याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये टिप्पणी की। सचिन जैन ने याचिका में दावा किया था कि प्राइवेट अस्पताल कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए 10 से 12 लाख रुपये चार्ज कर रहे हैं। जबकि, इस इलाज में कोई सर्जरी भी नहीं हो रही है। अदालत ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। अब एक हफ्ते बाद इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।

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