Rajasthan Crisis / राजस्थान कांग्रेस को क्यों चाहिए सचिन पायलट? सुलह के पीछे की 4 बड़ी वजह

Live Hindustan : Aug 12, 2020, 01:23 PM
Rajasthan Crisis: कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान आखिर खत्म हो गई। पायलट फिर से कांग्रेस में आ गए। पायलट की वापसी कई मायने में पायलट के लिए फायदे का सौदा है। पायलट की इस वापसी में प्रियंका गांधी ने ही जरूरत और रणनीति के लिहाज से गहलोत से बात कर ये हल निकाला। 

सीएम गहलोत पायलट की वापसी नहीं चाहते थे, लेकिन पायलट की जरूरत कांग्रेस को राजस्थान में नहीं, केंद्र में भी है। कांग्रेस को पायलट 2022 में यूपी चुनाव की जंग के लिए भी चाहिए। कांग्रेस को पायलट 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए भी चाहिए। प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस की 2022 के लिए जमीन तैयार करने के लिए मेहनत कर रही हैं। यूपी की 55 विधानसभा सीटों और 15 लोकसभा सीटों पर गुर्जर मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।

पायलट के कांग्रेस छोड़ने से 2022 और 2024 के चुनाव में गुर्जर बहुल सीटों पर कांग्रेस को नुकसान होता। यूपी ही नहीं, एमपी की 14 लोकसभा सीटों पर पर गुर्जर वोट बैंक निर्णायक भूमिका में हैं। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, दिल्ली समेत उतर भारत में गुर्जर मतदाता की संख्या ख़ासी है। राजस्थान में पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान की 30 सीटों पर गुर्जर मतदाता निर्णायक हैं। 

साल 2018 में राजस्थान में कांग्रेस के सत्ता में आने की एक वजह 7 फीसदी गुर्जर वोट बैंक का कांग्रेस के पक्ष में आना भी रहा। पायलट की राजस्थान ही नहीं, देशभर में गुर्जर नेताओं पर पकड़ है। प्रियंका गांधी के सामने कांग्रेस के एक रणनीतिकार ने जब ये आंकड़े रखे तो प्रियंका गांधी ने पायलट की वापसी दिशा में एक सप्ताह पहले ही काम करना शुरू कर दिया था।

पायलट की कांग्रेस में वापसी के पीछे फारुक अब्दुल्ला परिवार की भी भूमिका है। अब्दुल्ला परिवार के गांधी परिवार और कांग्रेस नेताओं से रिश्ते अच्छे हैं। फारुक और उमर अब्दुल्ला ने गुलाब नबी आजाद और अहमद पटेल के जरिए सचिन पायलट की वापसी की कोशिश शुरू की, जो देर से ही सही, लेकिन कामयाब हुई।

अहम वजह राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की युवा ब्रिगेड। इस ब्रिगेड ने पायलट की वापसी के लिए गांधी परिवार पर दबाब बनाया। दीपेंद्र हुड्डा और भंवर जितेंद्र सिंह पायलट और प्रियंका के बीच बातचीत का जरिया बने। युवा ब्रिग्रेड ने दबाव बनाया कि अगर पायलट कांग्रेस छोड़ते हैं तो फिर कांग्रेस की बची-खुची युवा ब्रिगेड के किनारे होने से पार्टी की मुश्किल बढ़ सकती है।

कांग्रेस में एक लॉबी गहलोत से नाराज भी है। दिल्ली में संगठन महासचिव रहते गहलोत के 'शिकार' रहे नेता और राजस्थान के नेताओं की टोली ने गांधी परिवार को सोचने पर मजबूर कर दिया कि गहलोत पर अति विश्वास और निर्भरता कांग्रेस के ज्यादा हित में नहीं है।

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