राजस्थान / सचिन पायलट समर्थक विधायकी छोड़ दें तो क्या गिर जाएगी गहलोत सरकार? 10 प्वाइंट्स में जानें विधानसभा का हाल

Zoom News : Jul 12, 2020, 05:47 PM

जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की सरकार पर छाए संकट के बादल के बीच विधानसभा में कांग्रेस या बीजेपी में से कौन सी पार्टी दमदार को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सचिन पायलट (Sachin Pilot) समर्थकों का दावा है कि उनके साथ अभी 24 विधायक हैं, लेकिन जानकार इसे कयास मान रहे हैं. इस दावे के विपरीत सरकार समर्थकों का मानना है कि पायलट समर्थक विधायकों की संख्या 15-17 हो सकती है. इन सबके बीच सभी दलों ने संभावनाओं की तलाश शुरू कर दी है. सचिन पायलट समर्थक विधायकों के इस्तीफा देने या बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने जैसी तमाम बातों को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है. हालांकि कांग्रेस समर्थकों का दावा है कि पायलट-प्रकरण को पार्टी सुलझा लेगी और गहलोत सरकार के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. आइए जानते हैं क्या है गणित.


विधानसभा का हाल

1- राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में अभी कांग्रेस के 107 विधायक हैं, जबकि बीजेपी सदस्यों की संख्या 75 है.

2- कांग्रेस के विधायकों की संख्या 101 है, उसे बसपा के 6 विधायकों ने समर्थन दिया है. वहीं, बीजेपी के पास अपने कुल 72 विधायक हैं, वहीं पार्टी को आरएलपी के 3 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है.

3- कांग्रेस और भाजपा के अलावा निर्दलीय या अन्य विधायकों की कुल संख्या 18 है.

4-इनमें बीटीपी के 2 MLA, 2 सीपीएम, 1 आरएलडी और 13 निर्दलीय विधायक शामिल हैं

5- सचिन पायलट के समर्थक विधायकों की संख्या अगर 24 मान ली जाए, तो इनके इस्तीफ के बाद सदन में विधायकों की संख्या 176 रह जाएगी.

6- 176 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 89 विधायकों की जरूरत होगी.

7- पायलट समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 107 में से सिर्फ 83 विधायक बचेंगे, जो बहुमत से 6 कम हैं.

8- वहीं बीजेपी अपने 75 विधायकों के साथ भी बहुमत से 14 सीटें दूर रहेगी.

9- ऐसे में निर्दलीय विधायकों का मत महत्वपूर्ण हो जाएगा.

10- इन 18 में से कांग्रेस को जहां बहुमत के लिए सिर्फ 5 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा, वहीं बीजेपी को 14 सदस्यों की आवश्यकता होगी.


आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में SOG का नोटिस मिलने के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट नाराज बताए जा रहे हैं. आज सुबह पायलट और उनके समर्थक 12 विधायकों के दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने की खबरों के चर्चा में आने के बाद प्रदेश में सियासी गहमा-गहमी शुरू हो गई है. हालांकि गहलोत समर्थक विधायकों ने दावा किया है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है.

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