AajTak : Apr 27, 2020, 02:54 PM
कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे एक्वाडोर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक महिला ने बहन की लाश का अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन उसके होश तब उड़ गए जब कुछ दिन बाद उसे अपनी बहन के जिंदा होने की बात पता चली।
दरअसल, गुआयाक्विल शहर में रहने वाली 74 वर्षीय अल्बा मरुरी 27 मार्च को तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद एबल गिल्बर्ट पोनटोन अस्पताल में भर्ती हुई थीं। कोरोना जैसे लक्षण होने की वजह से उन्हें डॉक्टर्स ने इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कर दिया। अलजजीरा न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, कुछ दिन बाद अल्बा की बहन ऑरा मरुरी को अस्पताल से फोन आया। उन्हें अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि उनकी बहन अल्बा की मौत हो चुकी है और आप उनके शव को ले जाइए। चूंकि अल्बा मरुरी कोरोना संदिग्ध थी इसलिए उसके परिवार को अस्पताल के स्टाफ ने यह हिदायत दी कि शव से दूरी बनाए रखें वरना पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ जाएगा। इसलिए अल्बा के परिवार वालों ने अस्पताल के स्टाफ की बात मानी और शव का सावधानी से अंतिम संस्कार कर दिया। अल्बा की मौत की खबर उन्होंने अपने जानकारों को भी दी। पूरा परिवार गमगीन था कि कुछ दिन बाद अल्बा की बहन ऑरा को अस्पताल से फोन आया। उन्हें बताया गया कि अल्बा मरुरी बात करना चाहती है। उन्हें लगा कोई मजाक कर रहा है। पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ फिर जब उन्हें अल्बा के जिन्दा होने की खबर मिली तो वो हैरान हो गई। फोन कॉल के कुछ घंटों बाद एक एम्बुलेंस ऑरा मरुरी के घर पहुंची। एम्बुलेंस में डॉक्टर के साथ अस्पताल का स्टाफ भी मौजूद था। उन्होंने अल्बा के परिवार वालों से माफी मांगी और कहा कि गलतफहमी की वजह से उन्होंने किसी और का शव अल्बा के परिवार को सौंप दिया था।
दरअसल, गुआयाक्विल शहर में रहने वाली 74 वर्षीय अल्बा मरुरी 27 मार्च को तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद एबल गिल्बर्ट पोनटोन अस्पताल में भर्ती हुई थीं। कोरोना जैसे लक्षण होने की वजह से उन्हें डॉक्टर्स ने इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कर दिया। अलजजीरा न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, कुछ दिन बाद अल्बा की बहन ऑरा मरुरी को अस्पताल से फोन आया। उन्हें अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि उनकी बहन अल्बा की मौत हो चुकी है और आप उनके शव को ले जाइए। चूंकि अल्बा मरुरी कोरोना संदिग्ध थी इसलिए उसके परिवार को अस्पताल के स्टाफ ने यह हिदायत दी कि शव से दूरी बनाए रखें वरना पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ जाएगा। इसलिए अल्बा के परिवार वालों ने अस्पताल के स्टाफ की बात मानी और शव का सावधानी से अंतिम संस्कार कर दिया। अल्बा की मौत की खबर उन्होंने अपने जानकारों को भी दी। पूरा परिवार गमगीन था कि कुछ दिन बाद अल्बा की बहन ऑरा को अस्पताल से फोन आया। उन्हें बताया गया कि अल्बा मरुरी बात करना चाहती है। उन्हें लगा कोई मजाक कर रहा है। पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ फिर जब उन्हें अल्बा के जिन्दा होने की खबर मिली तो वो हैरान हो गई। फोन कॉल के कुछ घंटों बाद एक एम्बुलेंस ऑरा मरुरी के घर पहुंची। एम्बुलेंस में डॉक्टर के साथ अस्पताल का स्टाफ भी मौजूद था। उन्होंने अल्बा के परिवार वालों से माफी मांगी और कहा कि गलतफहमी की वजह से उन्होंने किसी और का शव अल्बा के परिवार को सौंप दिया था।