Dainik Bhaskar : Dec 07, 2019, 03:12 PM
टोक्यो/सिओल | दक्षिण कोरिया और जापान में महिलाओं के शादी नहीं करने से आर्थिक संकट पैदा होने का खतरा बढ़ गया है। दरअसल, यहां महिलाओं के ऐसे कई समूह हैं जो शादी और मां बनने से परहेज कर रहे हैं। दोनों देश दुनिया के सबसे कम जन्म दर वाले देशों में शामिल हो गए हैं। इनमें जापान पहले और द. कोरिया आठवें पायदान पर आ गया है। कोरिया में तो महिलाएं बकायदा 'हैशटेग नो मैरिज वुमन' अभियान चला रही हैं। इसके जरिए महिलाओं को 4 चीजों से बचने की सलाह दी जा रही है। इसमें नो डेटिंग, नो सेक्स, नो मैरिज और नो चिल्ड्रन शामिल हैं। शादी के लिए पैसों का प्रोत्साहनमहिलाओं के शादी न करने की वजह से यहां कई मैरिज हॉल बंद हो गए हैं। यहां सरकार इस संकट से इतनी चिंतित है कि युवाओं को शादी के लिए प्रोत्साहित कर रही है और पैसा दे रही है। द. कोरिया में हालत कितने बिगड़ गए हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक दशक पहले लगभग 47% महिलाएं मानती थी कि शादी जरूरी है। लेकिन पिछले साल यह आंकड़ा 22.4% तक गिर गया। यहां सरकार शादी करने और पिता बनने के लिए प्रोत्साहन योजना चला रही है। यहां के कई प्रांतों में तो सरकार महिलाओं से उनकी लंबाई, वजन, फोटो और बायोडाटा मांग रही है।पहले मैरिज हॉल अब स्कूल बंद हुएदक्षिण कोरिया में जनसंख्या का घटना श्रम शक्ति के लिए खतरा बन रहा है। सियोल में तो 20 फीसदी से ज्यादा मैरिज हॉल बंद हो गए हैं। सिओल के कई स्कूलों में पढ़ने के लिए बच्चों की कमी के कारण स्कूल तक बंद किए जा रहे हैं। सियोल की रहने वाली बोनी ली ने कहा- मैं अपनी खुशी खुद तय करूंगी। मैं एक सीधी-सादी महिला हूं, जिसे अब पुरुषों के साथ संबंध बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसा करने वाली मैं अकेली महिला नहीं हूं। दक्षिण कोरिया में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जो कठोर पितृसत्तात्मक मानदंडों को खारिज कर रही हैं।