देश / दुनियाभर में 70 वैक्सीन बनाने, 3 लोगों पर टेस्टिंग का काम जारी: WHO

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना वायरस के संक्रमण के हर दिन सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। सभी देश कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं। इसके लिए कई प्रयोग और शोध किए जा रहे हैं। डब्लयूएचओ ने बताया है कि इस महामारी के इलाज के लिए दुनियाभर में 70 वैक्सीनों को बनाने का काम चल रहा है जिसमें तीन मनुष्यों पर टेस्टिंग की जा चुकी है।

AajTak : Apr 14, 2020, 12:40 PM
दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना वायरस के संक्रमण के हर दिन सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। सभी देश कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं।  इसके लिए कई प्रयोग और शोध किए जा रहे हैं। डब्लयूएचओ ने बताया है कि इस महामारी के इलाज के लिए दुनियाभर में 70 वैक्सीनों को बनाने का काम चल रहा है जिसमें तीन मनुष्यों पर टेस्टिंग की जा चुकी है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस प्रक्रिया में सबसे आगे हैं हॉन्ग कॉन्ग की कैनसिगो बायोलॉजिक्स (CanSino Biologics) जो कोरोना वायरस के इलाज की खोज में लगे हुए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (Beijing Institute of Biotechnology) है। इस लिस्ट में अमेरिका की इनोविओ फार्मास्यूटिकल (Inovio Pharmaceuticals) भी शामिल है जिसमें अभी ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। 

कोरोना वायरस के टीके को विकसित करने में ये सभी कंपनियां जोर शोर से जुटी हुई हैं। उनका मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केवल रोकथाम ही काफी नहीं है। ड्रग इंडस्ट्री जल्द से जल्द दवाई बनाने का काम कर रही है ताकि 1 साल के अंदर कोरोना वायरस की दवाई बजार में उतारी जा सके।

बड़े और छोटे ड्रगमेकर कोरोना वायरस को लेकर वैक्सीन विकसित करने की कोशिश में  लग गए हैं क्योंकि कोरोना वायरस को रोकने के लिए यही सबसे प्रभावी तरीका होगा। डब्ल्यूएचओ दस्तावेज के मुताबिक, फाइजर इंक (Pfizer Inc।) और सनोफी (Sanofi) जैसे फार्मास्युटिकल दिग्गजों के पास प्रीक्लिनिकल चरणों (Paraclinical stages) के लिए वैक्सीन उम्मीदवार मौजूद हैं। 

कैनसिनो ने बताया पिछले महीने ही उन्हें चीनी विनियामक (Chinese regulatory) से अपने टीके के मानव परीक्षणों को शुरू करने के लिए स्वीकृति मिली है। बता दें, कुछ दिनों पहले सियाटल के रिसर्च इंस्टीट्यूट में कोरोना वायरस के पहले टीके का पहला परीक्षण किया था। अमेरिका के सियाटल में एक महिला को पहली बार कोरोना वैक्सीन की सूई दी गई। ये वैक्सीन दुनिया में रिकॉर्ड टाइम में विकसित की गई है।