AajTak : Apr 28, 2020, 06:03 PM
यूपी: कोरोना की महामारी से जनता परेशान है। लॉकडाउन के कारण उद्योग-व्यापार, काम-धंधे सब बंद हैं। आमदनी बंद होने से कई परिवार परेशान हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। योगी सरकार ने स्कूलों में एक साल तक फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है। सरकार ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि किसी भी स्कूल ने फीस बढ़ाई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार की देर शाम जारी किए गए आदेश में साफ कहा गया है कि शिक्षा सत्र 2020-21 के दौरान किसी भी स्कूल में फीस वृद्धि नहीं होगी। यह आदेश सभी बोर्ड के प्रत्येक स्कूल पर लागू होगा।
इस संबंध में प्रदेश के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर किसी ने पहले ही बढ़ी हुई फीस ले ली है, तो उसे आने वाले महीनों में एडजस्ट करना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से जहां छात्रों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है, ते वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों के यह गले नहीं उतर रहा। आजतक से बात करते हुए कई अभिभावकों ने कहा कि महामारी के इस दौर में स्कूलों की फीस भरना मुश्किल हो रहा है
जहां कई स्कूलों को फीस बढ़ाने पर लगी रोक हजम नहीं हो रही, वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही एक स्कूल ऐसा भी है, जिसने अपनी ट्यूशन फीस 25 फीसदी तक कम कर दी थी। कुंवर पब्लिक स्कूल के संचालक राजेश सिंह ने बताया कि लॉकडाउन का ऐलान होने के तुरंत बाद अभिभावकों को इस संबंध में सूचना दे दी गई थी। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी भी तरह का कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। स्कूल खुलने तक बच्चों से ट्रांसपोर्टेशन फीस भी नहीं ली जाएगी।
गौरतलब है कि सरकार ने पहले एक साथ एक महीने की ही फीस लेने को कहा था। साथ ही यह अपील भी की गई थी कि फीस न बढ़ाई जाए। इसके बावजूद कई स्कूलों ने फीस में 10 फीसदी तक इजाफा कर दिया। इसी बीच दिल्ली सरकार ने फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी। दिल्ली सरकार के इस कदम के बाद योगी सरकार पर भी इसी तरह का कदम उठाने के लिए चौतरफा दबाव था।
सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि किसी भी स्कूल ने फीस बढ़ाई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार की देर शाम जारी किए गए आदेश में साफ कहा गया है कि शिक्षा सत्र 2020-21 के दौरान किसी भी स्कूल में फीस वृद्धि नहीं होगी। यह आदेश सभी बोर्ड के प्रत्येक स्कूल पर लागू होगा।
इस संबंध में प्रदेश के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर किसी ने पहले ही बढ़ी हुई फीस ले ली है, तो उसे आने वाले महीनों में एडजस्ट करना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से जहां छात्रों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है, ते वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों के यह गले नहीं उतर रहा। आजतक से बात करते हुए कई अभिभावकों ने कहा कि महामारी के इस दौर में स्कूलों की फीस भरना मुश्किल हो रहा है
जहां कई स्कूलों को फीस बढ़ाने पर लगी रोक हजम नहीं हो रही, वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही एक स्कूल ऐसा भी है, जिसने अपनी ट्यूशन फीस 25 फीसदी तक कम कर दी थी। कुंवर पब्लिक स्कूल के संचालक राजेश सिंह ने बताया कि लॉकडाउन का ऐलान होने के तुरंत बाद अभिभावकों को इस संबंध में सूचना दे दी गई थी। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी भी तरह का कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। स्कूल खुलने तक बच्चों से ट्रांसपोर्टेशन फीस भी नहीं ली जाएगी।
गौरतलब है कि सरकार ने पहले एक साथ एक महीने की ही फीस लेने को कहा था। साथ ही यह अपील भी की गई थी कि फीस न बढ़ाई जाए। इसके बावजूद कई स्कूलों ने फीस में 10 फीसदी तक इजाफा कर दिया। इसी बीच दिल्ली सरकार ने फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी। दिल्ली सरकार के इस कदम के बाद योगी सरकार पर भी इसी तरह का कदम उठाने के लिए चौतरफा दबाव था।