News18 : Apr 24, 2020, 01:36 PM
वाराणसी। बनारस की गलियां विश्व प्रसिद्ध है लेकिन इन दिनों ये गलियां लॉक डाउन (Lockdown) का उल्लंघन करने वालों के लिए सेफ जोन (Safe Zone) बनी हुई हैं। पुलिस के काफी प्रयास के बावजूद इन गलियों में लगातार नियमों का उल्लंघन हो रहा है। ऐसे में एक युवा ने अपने घर के बाहर एक अलार्म सिस्टम (Alarm System) फिट कर दिया है। अलार्म सिस्टम के जरिए लॉक डाउन के नियम तोड़ने वाले सीधे पुलिस थाने में नजर आएंगे।
बनारस के युवा वैज्ञानिक कहे जाने वाले श्याम चौरसिया ने इस अलार्म सिस्टम को बनाया है। ये घर में रखे हुए तकनीकी सामान से बनाया गया है। इस सिस्टम के करीब जाते ही यह तेज आवाज में अलार्म बजाता है, साथ ही स्थानीय पुलिस स्टेशन में फोन भी कर देता है। जिससे पुलिस वालों को पता चल जाता है कि यहां लॉक डाउन का उल्लंघन हो रहा है और पुलिस वह बड़े आराम से पहुंच सकती है।
10 मीटर के आसपास का एरिया करता है कवर
युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने बताया कि सिस्टम का नाम स्मार्ट सोशल डिस्टेंस अलार्म रखा गया है। जिसके अंदर सेंसर फिट किया गया है जो 10 मीटर के आसपास का एरिया कवर करता है। इस सिस्टम में लगे सेंसर के जरिए 1 से ज्यादा लोग एक साथ संपर्क में आते हैं तो यह सेंसर एक्टिव हो जाता है और अलार्म बजने लगता है। इसके साथ ही इस सिस्टम में ब्लूटूथ डिवाइस फिट किया गया है, जो जीपीएस के माध्यम से लोकेशन बताने के साथ ही नजदीकी थाने में कॉल कर देता है।
लॉक डाउन के 15 दिन में बना दिया अलार्म
अलार्म सिस्टम में इंफ्रारेड सेंसर, डिस्टेंस सेंसर, वाइब्रेशन सेंसर मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर बनाया गया है। इसे बनाने में लगभग ढाई हजार रुपए का खर्च आया है, और 15 दिन का समय लगा है।
लॉक डाउन का उल्लंघन न हो, इसलिए बनाया अलार्मदरअसल आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। लगातार सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन होता देख श्याम चौरसिया ने एक बार फिर से अपने हुनर की काबिलियत बनारसवासियों के सामने रखी है। यह काबिलियत खुद का हुनर दिखाने के लिए नहीं बल्कि कोरोना को हराने के लिए श्याम ने दिखाई है क्योंकि यदि कोरोना को हराना है तो लॉकडाउन का पालन करना भी जरूरी है।
बनारस के युवा वैज्ञानिक कहे जाने वाले श्याम चौरसिया ने इस अलार्म सिस्टम को बनाया है। ये घर में रखे हुए तकनीकी सामान से बनाया गया है। इस सिस्टम के करीब जाते ही यह तेज आवाज में अलार्म बजाता है, साथ ही स्थानीय पुलिस स्टेशन में फोन भी कर देता है। जिससे पुलिस वालों को पता चल जाता है कि यहां लॉक डाउन का उल्लंघन हो रहा है और पुलिस वह बड़े आराम से पहुंच सकती है।
10 मीटर के आसपास का एरिया करता है कवर
युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने बताया कि सिस्टम का नाम स्मार्ट सोशल डिस्टेंस अलार्म रखा गया है। जिसके अंदर सेंसर फिट किया गया है जो 10 मीटर के आसपास का एरिया कवर करता है। इस सिस्टम में लगे सेंसर के जरिए 1 से ज्यादा लोग एक साथ संपर्क में आते हैं तो यह सेंसर एक्टिव हो जाता है और अलार्म बजने लगता है। इसके साथ ही इस सिस्टम में ब्लूटूथ डिवाइस फिट किया गया है, जो जीपीएस के माध्यम से लोकेशन बताने के साथ ही नजदीकी थाने में कॉल कर देता है।
लॉक डाउन के 15 दिन में बना दिया अलार्म
अलार्म सिस्टम में इंफ्रारेड सेंसर, डिस्टेंस सेंसर, वाइब्रेशन सेंसर मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर बनाया गया है। इसे बनाने में लगभग ढाई हजार रुपए का खर्च आया है, और 15 दिन का समय लगा है।
लॉक डाउन का उल्लंघन न हो, इसलिए बनाया अलार्मदरअसल आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। लगातार सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन होता देख श्याम चौरसिया ने एक बार फिर से अपने हुनर की काबिलियत बनारसवासियों के सामने रखी है। यह काबिलियत खुद का हुनर दिखाने के लिए नहीं बल्कि कोरोना को हराने के लिए श्याम ने दिखाई है क्योंकि यदि कोरोना को हराना है तो लॉकडाउन का पालन करना भी जरूरी है।