Coronavirus India / जुलाई से किशोरों को लगेगी कोरोना वैक्सीन! इस दवा कंपनी का ट्रायल हुआ पूरा

कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, 'जायडस कैडिला (Zydus Cadilla) वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है. जुलाई के आखिर या अगस्त तक हम संभवत: वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे. 12-18 उम्र वर्ग के बच्चों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी.' डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, 'ICMR ने एक स्टडी की है, उसके अनुसार कोरोना की तीसरी लहर देर से आएगी. ऐसे में हमारे पास 6-8 महीने का समय है.

Vikrant Shekhawat : Jun 27, 2021, 08:01 PM
नई दिल्ली: कोरोना महामारी से बच्चों को बढ़ रहे खतरों के बीच सरकार ने राहत भरी खबर दी है. दरअसल एक दवा कंपनी ने किशोरों के लिए वैक्सीन (Corona Vaccine) तैयार कर ली है और सरकार से उसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है. 

जायडस कंपनी का ट्रायल हुआ पूरा 

कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, 'जायडस कैडिला (Zydus Cadilla) वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है. जुलाई के आखिर या अगस्त तक हम संभवत: वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे. 12-18 उम्र वर्ग के बच्चों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी.'

डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, 'ICMR ने एक स्टडी की है, उसके अनुसार कोरोना की तीसरी लहर देर से आएगी. ऐसे में हमारे पास 6-8 महीने का समय है. सबको टीका लगाने के लिए हमारे पास इतना वक्त काफी है. हम आने वाले वक्ते में हर दिन 1 करोड़ टीके लगाकर इस लहर को आने से रोकेंगे.'

सरकार को आवेदन दे सकती है कंपनी

सूत्रों के मुताबिक दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadilla) कंपनी जल्द ही भारत के ड्रग्स कंट्रोलर के सामने अपनी कोरोना वैक्सीन 'जायकोव-डी' के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन दे सकती है. कंपनी का कहना है कि इसे अडल्ट और किशोरों दोनों को दिया जा सकता है. हालांकि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है. 

डॉ अरोड़ा ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर देश में कई अफवाहें और गलत सूचनाएं फैल रही हैं. इससे लोगों के मन में डर बढ़ता है. जिससे पूरी प्रक्रिया डिरेल हो जाती है. डॉ अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में 'डेल्टा प्लस स्वरूप का फेफड़ों के उत्तकों से ज्यादा जुड़ाव मिला है. इसका ये मतलब नहीं कि इससे गंभीर बीमारी होगी या यह ज्यादा संक्रामक है. 

2 साल तक के लिए बच्चों का बन रहा टीका

वहीं दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन के 2 से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों (Children) पर किए गए दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजे सितंबर तक आने की उम्मीद है. उन नतीजों को ड्रग कंट्रोलर की मंजूरी के बाद भारत में बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है. 

डॉ. गुलेरिया ने कहा, 'उससे पहले अगर फाइजर के टीके (Corona Vaccine) को मंजूरी मिल गई तो यह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है. इसके साथ ही जायडस कैडिला कंपनी ने भी किशोरों के लिए ट्रायल पूरा कर लिया है. अगर उसे भी इजाजत मिल जाती है तो देश में बच्चों के लिए टीकों की उपलब्धता बढ़ जाएगी. 

'बच्चों की पढ़ाई को हो रहा नुकसान'

एम्स प्रमुख ने बच्चों की पढ़ाई को हो रहे नुकसान पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, ' हमें स्कूलों को फिर से खोलना होगा. टीकाकरण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. महामारी से उबरने का रास्ता टीकाकरण ही है.'