Mutual Funds: ₹10,000 की SIP से करोड़पति बनने का फॉर्मूला! SBI फंड्स से मिला 17% तक रिटर्न

Mutual Funds - ₹10,000 की SIP से करोड़पति बनने का फॉर्मूला! SBI फंड्स से मिला 17% तक रिटर्न
| Updated on: 21-Dec-2025 09:02 AM IST
अगर आप लंबे समय के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का म्यूचुअल फंड डिविजन एक विश्वसनीय और स्थापित नाम के रूप में सामने आता है। SBI म्यूचुअल फंड्स ने भारतीय शेयर बाजार के उतार-चढ़ावों को करीब से देखा है। इन्होंने न केवल बाजार की तेजी का लाभ उठाया है, बल्कि बड़े क्रैश और लंबी अवधि की मंदी के दौर को भी सफलतापूर्वक पार किया है। इन फंड्स ने लगातार निवेश के माध्यम से, विशेष रूप से सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए, निवेशकों को कंपाउंडिंग की जबरदस्त शक्ति का अनुभव कराया है, जिससे उनके छोटे-छोटे मासिक योगदान समय के साथ करोड़ों रुपये के बड़े फंड में बदल गए हैं और

20 साल की SIP परफॉर्मेंस: करोड़पति बनने का सफर

हाल ही में किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, SBI के शीर्ष 5 फंड्स की एक सूची तैयार की गई है, जो पिछले 20 वर्षों की SIP परफॉर्मेंस पर आधारित है। इन फंड्स ने इस लंबी अवधि में प्रभावशाली रिटर्न दिया है, जो लगभग 16. 06% से लेकर 17 और 57% तक रहा है। यह डेटा दर्शाता है कि यदि किसी निवेशक ने इन फंड्स में 20 साल तक हर महीने ₹10,000 की SIP की होती, तो आज उसकी कुल निवेशित राशि ₹1 और 51 करोड़ से लेकर ₹1. 83 करोड़ तक हो सकती थी और यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि कैसे एक अनुशासित और दीर्घकालिक निवेश रणनीति, सही फंड्स के साथ मिलकर, निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संपत्ति का निर्माण कर सकती है।

SBI के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले म्यूचुअल फंड्स

इस सूची में कई फंड्स ने अपनी विशिष्ट निवेश रणनीतियों के माध्यम से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इन फंड्स ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करके और बाजार की बदलती परिस्थितियों के अनुकूल ढलकर निवेशकों के लिए मजबूत रिटर्न सुनिश्चित किया है और

SBI कंजम्पशन अपॉर्चुनिटीज फंड

इस सूची में सबसे ऊपर SBI कंजम्पशन अपॉर्चुनिटीज फंड रहा है, जिसने पिछले 20 वर्षों में 17. 57% का शानदार रिटर्न दिया है। यह फंड मुख्य रूप से कंजम्पशन सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG), ऑटोमोबाइल, पेंट्स और टेलीकॉम जैसे क्षेत्र शामिल हैं। भारत में बढ़ती हुई आमदनी और लोगों की बदलती हुई जीवनशैली के कारण इस सेक्टर ने लगातार मजबूत प्रदर्शन किया है। शहरीकरण और डिस्पोजेबल आय में वृद्धि ने इन क्षेत्रों में उत्पादों और सेवाओं की मांग को बढ़ावा दिया है, जिससे फंड को लगातार लाभ हुआ है और

SBI टेक्नोलॉजी अपॉर्चुनिटीज फंड

दूसरे नंबर पर SBI टेक्नोलॉजी अपॉर्चुनिटीज फंड है। इस फंड ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और डिजिटल सेक्टर में आए उछाल का भरपूर फायदा उठाया है और इसने Infosys और Bharti Airtel जैसे दिग्गज स्टॉक्स में रणनीतिक निवेश करके अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाया है। डिजिटल क्रांति और तकनीकी प्रगति ने इस सेक्टर को अभूतपूर्व वृद्धि प्रदान की है, और फंड ने इन अवसरों को भुनाकर निवेशकों के लिए आकर्षक रिटर्न उत्पन्न किया है।

SBI फोकस्ड फंड

SBI फोकस्ड फंड भी एक दिलचस्प विकल्प रहा है, जो कम कंपनियों में लेकिन उच्च भरोसे वाले निवेश करता है। यह फंड उन चुनिंदा कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनकी विकास क्षमता मजबूत मानी जाती है। Alphabet (Google), HDFC Bank और SBI जैसे बड़े और स्थापित स्टॉक्स में हिस्सेदारी इसके पोर्टफोलियो को स्थिरता और मजबूती प्रदान करती है। यह रणनीति फंड को बाजार की अस्थिरता के बावजूद ठोस प्रदर्शन करने में मदद करती है और

SBI हेल्थकेयर अपॉर्चुनिटीज फंड

SBI हेल्थकेयर अपॉर्चुनिटीज फंड ने भी 16. 08% का उल्लेखनीय रिटर्न दिया है। फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर ने लंबे समय में स्थिर प्रदर्शन किया है, खासकर वैश्विक महामारी के बाद इस सेक्टर की मांग और भी मजबूत हुई है। स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि, चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच में सुधार और अनुसंधान एवं विकास में निवेश ने इस सेक्टर को लगातार बढ़ावा दिया है, जिससे फंड को लाभ हुआ है और

SBI मिडकैप फंड

वहीं, SBI मिडकैप फंड मिडकैप कंपनियों में निवेश करता है। मिडकैप सेक्टर भले ही लार्जकैप की तुलना में अधिक उतार-चढ़ाव वाला हो, लेकिन लंबी अवधि में इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। ये कंपनियां अक्सर विकास के प्रारंभिक या मध्य चरणों में होती हैं, जिनमें तेजी से बढ़ने की क्षमता होती है और फंड ने इन उभरती हुई कंपनियों में निवेश करके निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण मूल्य सृजन किया है।

कंपाउंडिंग की शक्ति और अनुशासित निवेश

इतना बड़ा रिटर्न स्पष्ट रूप से बताता है कि सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) और कंपाउंडिंग की शक्ति मिलकर क्या अद्भुत परिणाम दे सकते हैं और बाजार की गिरावट और बढ़त दोनों ही परिस्थितियों में निवेश जारी रखना ही असली खेल है। जब बाजार गिरता है, तो निवेशक कम कीमत पर अधिक यूनिट्स खरीदते हैं, और जब बाजार बढ़ता है, तो उन यूनिट्स का मूल्य बढ़ जाता है और यह 'रुपया लागत औसत' (Rupee Cost Averaging) का सिद्धांत है, जो लंबी अवधि में जोखिम को कम करता है और रिटर्न को बढ़ाता है। कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपके निवेश पर मिला रिटर्न भी आगे चलकर रिटर्न कमाता है, जिससे समय के साथ धन में घातीय वृद्धि होती है और

निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पिछला रिटर्न भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं होता है। बाजार की स्थितियां बदल सकती हैं और किसी भी निवेश में जोखिम शामिल होता है। इसलिए, केवल पिछले प्रदर्शन को देखकर निवेश का निर्णय नहीं लेना चाहिए। यदि आप कोई निवेश योजना बनाना चाहते हैं, तो अपने व्यक्तिगत जोखिम सहनशीलता, निवेश अवधि और वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर ही फंड का चयन करें और किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना भी एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। कुल मिलाकर, SBI के ये फंड यह साबित करते हैं कि लंबी अवधि का अनुशासित निवेश और कंपाउंडिंग की शक्ति। छोटे-छोटे मासिक योगदान को करोड़ों रुपये के बड़े फंड में बदलने की क्षमता रखती है, बशर्ते निवेशक धैर्यवान और सुविचारित हों।

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