PM Modi News: 18 देशों ने PM मोदी के लिए बदला अपना प्लान, चीन-पाक को चुभने वाला किया ऐलान

PM Modi News - 18 देशों ने PM मोदी के लिए बदला अपना प्लान, चीन-पाक को चुभने वाला किया ऐलान
| Updated on: 06-Sep-2023 09:11 PM IST
PM Modi News: दुनिया के 18 देश गुरुवार को इंडोनेशिया में आसियान और ईस्ट एशिया समिट करने जा रहे हैं. इन दोनों वैश्विक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शामिल होना है लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि पीएम मोदी के लिए 18 देशों ने अपना प्लान बदल दिया है. समिट का वक्त बदल दिया है. सम्मेलन की शुरुआत पहले सुबह 8.30 बजे होनी थी, लेकिन अब इसे 1 घंटे पहले कर दिया गया है. अब इसकी शुरुआत सुबह 7.30 बजे होगी और ये सब कुछ किया गया पीएम मोदी की वजह से.

इसी तरह 7 सितंबर को ईस्ट एशिया समिट भी होनी है. इसमें भी प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे लेकिन पहले इस सम्मेलन की शुरुआत सुबह 11 बजे होनी थी. लेकिन अब ये तय वक्त से करीब 1.30 घंटे पहले शुरु होगा. ये बदलाव भी पीएम मोदी के लिए ही किया गया.

क्यों हुआ समय में बदलाव?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए दुनिया के 18 देशों ने अपना प्लान क्यों बदला है. दरअसल भारत में G-20 सम्मेलन की वजह से प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम बहुत व्यस्त है. पीएम मोदी को भारत-आसियान समिट और ईस्ट एशिया सम्मेलन में शामिल होने के बाद गुरुवार को ही दिल्ली लौटना है. पीएम मोदी की इसी व्यस्तता को देखते हुए 18 देशों ने समिट का वक्त ही बदल दिया. ताकि वक्त बदले जाने से पीएम मोदी इन दोनों सम्मेलन में शामिल हो सकें.

अब 18 देश पीएम मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और इसकी वजह है चीन क्योंकि साउथ साइना सी में आंख दिखाने वाले चीन के लिए आसियान देशों को भारत का साथ चाहिए. अब कुछ लोगों के मन में एक सवाल ये भी होगा कि भारत आसियान देशों का स्थायी सदस्य भी नहीं है फिर क्यों प्रधानमंत्री मोदी सबसे बड़े ग्लोबल समिट जी-20 की व्यस्तता के बावजूद इंडोनेशिया जा रहे हैं.

इसकी पहली वजह का नाम दिन रात विस्तारवाद के सपने देखने वाले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं. आसियान और ईस्ट एशिया समिट में शामिल होकर भारत के पास चीन को उसी के कुछ पड़ोसी देशों के ज़रिए घेरने का अच्छा मौका है. इसीलिए आसियान देशों से अच्छे संबंध भारत के लिए बेहद अहम है. साथ ही साथ समुद्री सुरक्षा के लिहाज़ से भी आसियान देशों की अहमियत भारत के काफी ज़्यादा है.

पीएम मोदी के जाने की दूसरी वजह है दोस्ती. अब ये बात साबित हो चुकी है कि आज भारत कूटनीति की ग्लोबल पावर बन चुका है. बड़े बड़े देश गंभीर मसलों में भारत की ओर बहुत उम्मीद से देखते हैं. ऐसा ही हाल आसियान देशों का है जो चीन के दबदबे की वजह से परेशान हैं. आसियान देश भी चीन के खिलाफ भारत को एक विकल्प के तौर पर देख रहे है. ऐसे में भारत को भी आसियान देशों को ये भरोसा देना ज़रूरी है कि वो उनके साथ है.

तीसरी वजह डिप्लोमेसी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ आसियान देशों में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से हथियारों की मांग बढ़ी है. चीन को चुनौती देने के लिए भी आसियान देश खुद को मज़बूत बना रहे है.सक्योंकि भारत भी इस मार्केट में अपनी एंट्री के लिए तेजी से काम कर रहा है तो उसके पास अपने हथियारों का बाजार बढ़ाने का मौका है.

चौथी वजह साउथ चाइना सी है. भारत का 50% से ज़्यादा व्यापार साउथ चाइना सी के ज़रिए होता है, जहां चीन की साज़िशों का दलदल बहुत गहरा है. इसीलिए दक्षिण चीन सागर में चीन की हेकड़ी निकालना भी भारत के लिए ज़रूरी है. दावा ये भी किया जा रहा है कि जो हथियार भारत आसियान देशों को देगा उन्हें वो साउथ चाइना सी में तैनात करेंगे.

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