देश: सीएससी सेंटर में होगी 20 लाख 'डिजिटल कैडेट' की नियुक्ति, आम लोगों को घर बैठे मिलेंगी जरूरी सुविधाएं
देश - सीएससी सेंटर में होगी 20 लाख 'डिजिटल कैडेट' की नियुक्ति, आम लोगों को घर बैठे मिलेंगी जरूरी सुविधाएं
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Updated on: 17-Jul-2020 09:45 AM IST
नई दिल्ली। सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज की इस साल साझा सेवा केंद्रों (CSC) में 20 लाख लोगों की नियुक्ति की योजना है। सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (CSC e-Governance Services India Ltd) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिनेश त्यागी ने यह जानकारी दी। देशभर में साझा सेवा केंद्रों की संख्या चार लाख है। ये केंद्र छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कई सरकारी और उपक्रम सेवाएं प्रदान करने में मदद करते हैं। त्यागी ने कहा, ‘‘प्रत्येक सीएससी में पांच डिजिटल कैडेट की नियुक्ति की जाएगी। अब आपको घर के दरवाजे पर मिलेंगी कई जरूरी सुविधाएंये कैडेट लोगों को उनके घर के दरवाजे पर विभिन्न सेवाओं उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा ये ग्रामीण ई-स्टोर और किसान ई-मार्ट के लिए डिलिवरी एजेंट के रूप में काम करेंगे और सीएससी को सरकार और अन्य एजेंसियों के लिए विभिन्न सर्वे करने में मदद करेंगे। कैसे होगी 20 लाख 'डिजिटल कैडेट' की नियुक्तिउन्होंने कहा कि इन पदों के लिए पात्र कैडेट के पंजीकरण का काम एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है। उसके बाद उनकी नियुक्ति और सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 'डिजिटल कैडेट' को कितनी मिलेगी सैलरीदिनेश त्यागी ने बताया कि इन कैडेट्स को सीएससी में उनके काम के आधार पर भुगतान किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि डिजिटल कैडेट घर-घर जाकर सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी देंगे। इसके अलावा वे अन्य बी2सी सेवाओं और सीएससी की डिलिवरी करेंगे। कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) क्या होते हैकॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) स्कीम डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत शुरू किया गया है। सीएससी भारत के गांवों में जी2सी, शिक्षा, स्वास्थ्य रक्षा, कृषि और वित्तीय सेवाओं की ई-डिलीवरी के लिये एक्सेस पॉइंट्स हैं। इस प्रकार यह डिजिटल और वित्तीय रूप से समावेशी समाज में योगदान दे रहे हैं। सीएससी ग्रामीण भारत में सर्विस डिलीवरी पॉइंट्स से कहीं बढ़कर हैं। वे बदलाव के दूत हैं, ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देते हैं और ग्रामीण क्षमता तथा आजीविका का निर्माण करते हैं। यह एक भारतव्यापी नेटवर्क है, जो देश की क्षेत्रीय, भौगोलिक, भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को सेवा प्रदान करता है और सामाजिक, वित्तीय तथा डिजिटली समावेशी समाज बनाने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है।
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