India-China : चीन को 4000 करोड़ की चपत, व्यापारियों के संगठन CAIT ने चलाया हिंदुस्तानी राखी अभियान

India-China - चीन को 4000 करोड़ की चपत, व्यापारियों के संगठन CAIT ने चलाया हिंदुस्तानी राखी अभियान
| Updated on: 03-Aug-2020 08:51 AM IST
Delhi: व्यापारियों के संगठन कंफडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने इस साल 'हिंदुस्तानी राखी' अभियान चलाया है जिससे चीन को करीब 4,000 करोड़ रुपये की चपत लगेगी। कैट के अनुसार भारत में हर साल रक्षाबंधन के अवसर पर करीब 6,000 करोड़ रुपये की राखियों का कारोबार होता है। अभी तक इसमें अकेले चीन का ही योगदान करीब 4,000 करोड़ रुपये का होता था। संगठन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी 5,000 राखियां भेजी थीं जो सीमा पर तैनात जवानों तक पहुंचाई जाएंगी।

कैट ने 'हिंदुस्तानी राखी' अभियान चलाया है जिससे चीन को 4,000 करोड़ रुपये के इस कारोबार से हाथ धोना पड़ेगा। कैट से करीब 40,000 ट्रेड एसो​सिएशन जुड़े हैं और देश भर में इसके 7 करोड़ सदस्य हैं। CAIT ने एक बयान में कहा, 'भारत इस रक्षाबंधन को पूरी तरह से हिंदुस्तानी राखी अभियान चलाएगा और इससे चीन को करीब 4,000 करोड़ रुपये की चपत लगेगी।'


चीन से आयात पर अंकुश

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कैट के दिल्ली-एनसीआर के संयोजक सुशील कुमार जैन ने बताया, 'सिर्फ तैयार राखी ही नहीं, चीन से इसके पहले राखी बनाने के सामान जैसे फोम, पेपर फॉइल, राखी का धागा, पर्ल, ड्रॉप, डेकोरेटिव आइटम आदि भी आयातित किए जाते थे। लेकिन कैट के चीनी माल के बहिष्कार अभियान की वजह से इस साल राखी में चीनी सामान आयातित नहीं किए गए और हमें पूरा ​भरोसा है कि इससे चीन को करीब 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।'


कितना होता है व्यापार

एक अनुमान के अनुसार देश में प्रतिवर्ष लगभग 50 करोड़ राखियों का व्यापार होता है जिसकी कीमत लगभग 6 हजार करोड़ रुपये है। जैन ने बताया कि कैट ने इस बार अपनी सभी शाखाओं से साफ कह दिया था कि चीनी राखी या उससे संबंधित सामान की बिक्री नहीं होनी चाहिए। यही नहीं कैट ने इस बार झुग्गी बस्तियों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों, आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिलाओं, कारीगरों और अन्य लोगों को भी राखी बनाने तथा उनकी बिक्री में लगाया।


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