किसान आंदोलन/Tractor Prade: ट्रैक्टर रोड में हुई हिंसा में 510 पुलिसकर्मी हुए घायल,दिल्ली पुलिस कमिश्नर का दावा
किसान आंदोलन/Tractor Prade - ट्रैक्टर रोड में हुई हिंसा में 510 पुलिसकर्मी हुए घायल,दिल्ली पुलिस कमिश्नर का दावा
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Updated on: 02-Feb-2021 06:30 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के किसानों का दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन जारी है. वहीं, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों (Farmers) की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा और उपद्रव के खिलाफ दिल्ली पुलिस लगातार अपडेट दे रही है. इस बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन.श्रीवास्तव (Delhi Police Commissioner SN Srivastava) ने कहा कि 26 जनवरी को किसान रैली के दौरान हुई हिंसा में 510 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. जबकि सयुंक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) ने दावा किया है कि गणतंत्र दिवस की परेड के बाद से उसके 100 से ज्यादा किसानों की लापता होने की सूचना है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसको लेकर गहरी चिंता जताई है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन.श्रीवास्तव ने बैरिकेडिंग के सवाल पर कहा कि दिल्ली में 26 तारीख को ट्रैक्टर मार्च के नाम पर हिंसा की गई. हमारे पुलिस के जवान घायल हुए. बैरिकेडिंग तोड़ी गईं तब किसी ने सवाल नहीं किया. अब जबकि हम ऐसी तैयारी कर रहे हैं कि ऐसा दुबारा न हो तो सवाल उठ रहे हैं. आखिरकार हम क्या करें. वहीं, उन्होंने पीतमपुरा के डीसीपी ऑफिस आउटर डिस्ट्रिक्ट में किसान रैली के दौरान हुए हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की. श्रीवास्तव ने कहा कि आप सभी वीर हैं आपने बहुत अच्छा काम किया. दिन हो या रात आप ड्यूटी कर रहे हैं. आपका इलाज सरकारी खर्च से होगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने बनाई कमेटीसंयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को कहा है कि अब ऐसे लापता व्यक्तियों के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके बाद अधिकारियों के साथ औपचारिक कार्रवाई की जाएगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बाबत एक कमेटी का भी गठन किया है, जिसमें प्रेम सिंह भंगू, राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, अवतार सिंह, किरणजीत सिंह सेखों और बलजीत सिंह शामिल हैं. इसके साथ ही लापता व्यक्तियों के बारे में कोई भी जानकारी 8198022033 पर साझा करने को कहा गया है.विरोध स्थलों की घेराबंदी पर सवाल:मोर्चा के नेताओ ने सिंधु बॉर्डर और अन्य धरना स्थलों तक पहुंचने से आम लोगों और मीडिया कर्मियों को रोकने के लिए लंबी दूरी से विरोध स्थलों की घेराबंदी पर सवाल उठाया. किसान नेताओं ने कहा कि भोजन और पानी जैसी बुनियादी आपूर्ति को भी बाधित किया जा रहा है. सरकार के इन सभी हमलों की हम निंदा करते हैं. पुलिस और सरकार द्वारा हिंसा के कई प्रयासों के बावजूद किसान अभी भी तीन कृषि कानूनों और एमएसपी पर बहस कर रहे हैं. हम सभी जागरूक नागरिकों को स्पष्ट करना चाहते हैं कि दिल्ली मोर्चा सुरक्षित और शांतिपूर्ण है
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