Cloudburst In Kishtwar: 14 अगस्त 2025 को जम्मू संभाग के किश्तवाड़ इलाके में प्रकृति का प्रकोप उस समय टूट पड़ा, जब दोपहर करीब 12:30 बजे चशोटी इलाके में बादल फट गया। तेज आवाज के साथ आए इस प्राकृतिक आपदा ने पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया। मलबे और सैलाब की चपेट में आकर 60 लोगों की जान चली गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए। इस त्रासदी ने किश्तवाड़ के लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत स्थिति का जायजा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। पीएम ने प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने कहा,
"किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ के बाद के हालातों पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की। अधिकारी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।"
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा,
"मुझे अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी का फोन आया। मैंने उन्हें किश्तवाड़ के हालात और प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। मेरी सरकार और बादल फटने से प्रभावित लोग केंद्र सरकार की तरफ से प्रदान की गई सभी सहायता के लिए आभारी हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं इस हादसे में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। मैं किश्तवाड़ के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार हर संभव कोशिश कर रही है।"
14 अगस्त की सुबह किश्तवाड़ में आम दिनों की तरह शांत और सुकून भरी थी। लेकिन दोपहर होते-होते यह सुकून तबाही में बदल गया। चशोटी इलाके में अचानक बादल फटने की तेज आवाज ने लोगों को दहशत में डाल दिया। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते, मलबे और पानी का सैलाब ऊपर से नीचे की ओर बहता चला आया। कई लोग इसकी चपेट में आ गए, घर ढह गए, और सड़कें मलबे से पट गईं। हादसे के वीडियो सामने आए हैं, जो दिल दहला देने वाले हैं। कई लोग मलबे में दब गए, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
स्थानीय प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, और मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठन भी राहत कार्यों में जुटे हैं।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद स्थिति की निगरानी की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान की जाए। केंद्र सरकार ने भी हर तरह की मदद का भरोसा दिया है। राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यह त्रासदी किश्तवाड़ के लोगों के लिए एक बड़ा झटका है। लेकिन इस मुश्किल घड़ी में केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ स्थानीय समुदाय भी एकजुट होकर राहत कार्यों में जुटा है। यह समय एक-दूसरे का साथ देने और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने का है।