Rajasthan news: राजस्थान में बन सकते हैं 64 जिले! नए जिलों के घोषणा फिर हो सकती हैं, जानिए क्या है वजह

Rajasthan news - राजस्थान में बन सकते हैं 64 जिले! नए जिलों के घोषणा फिर हो सकती हैं, जानिए क्या है वजह
| Updated on: 27-Jun-2023 07:58 PM IST
Rajasthan news: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट सत्र में 19 नए जिलों की घोषणा के बाद एक बार फिर लोगों को बड़ी सौगात मिल सकती है। अब राज्य सरकार 14 नए शहरों और कस्बों को नए जिला बनाने की तैयारी कर रही है। इस तरीके से राजस्थान में अब 64 जिले हो जाएंगे। इसके अलावा तीन और नए सम्भाग बन सकते हैं। जिसके बाद राज्य में कुल 13 संभाग हो सकते हैं।इन सभी प्रस्ताव के लिए रामलुभाया राज्य स्तरीय कमेटी को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद नए जिलों और सम्भाग की घोषणा होगी।

15 नवगठित जिलों में प्रशासनिक कार्य हुआ शुरू

बता दें कि सीएम अशोक गहलोत की ओर से बजट सत्र में 19 जिलों की घोषणा के बाद वर्तमान में 15 नवगठित जिलों में प्रशासनिक कार्य शुरू हो चुके हैं। कुछ क्षेत्रों में नए जिले बनाने की मांग को लेकर गत दिनों काफी धरना प्रदर्शन हुए। उसके बाद राज्य सरकार ने कमेटी को कुछ नए शहरों व कस्बों के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा है। जिन पर राम लुभाया कमेटी विचार और परीक्षण कर रही है। इसके बाद कमेटी रिपोर्ट में सिफारिश कर सरकार को भेजेगी। इसके बाद सरकार उचित होने पर नए जिले घोषित करेगी।

मालपुरा जिले का भी हो सकता है गठन

नए जिलों की घोषणा के बाद टोंक जिले के मालपुरा में जिला बनाने का आंदोलन व्यापक स्तर पर चला। यहां के लोग दूदू और केकड़ी के नए जिले में शामिल नहीं होना चाहते है। इसको लेकर मालपुरा में आमरण अनशन समेत कई आंदोलन हुए। इसको लेकर हाल ही में 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान ने मालपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर अपनी रूचि दिखाई। इसको लेकर उन्होंने सरकार से जिला बनाने की मांग उठाई। इसको देखते हुए मालपुरा को जिला बनाने का प्रस्ताव कमेटी को भेजा गया है।

सांभर फुलेरा को भी जिला बनाने की उठी मांग

सांभर फुलेरा क्षेत्र के लोगों ने भी जिला बनाने की मांग को लेकर पुरजोर विरोध प्रदर्शन किया। क्षेत्र को दूदू जिले में शामिल करना प्रस्तावित था। लेकिन यहां इसका इसके विरोध में जमकर आंदोलन हुआ। सांभर और फुलेरा दोनों ही शहर सड़क, रेल, परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, व्यापार, पर्यटन की दृष्टि से दूदू से बेहतर हैं। इसको लेकर गत दिनों विधायक बाबूलाल नागर और भाजपा नेता दीनदयाल कुमावत के बीच हाइवे जाम करने को लेकर जमकर तकरार हुई। दूसरी ओर फुलेरा विधायक निर्मल कुमावत भी अपने क्षेत्र का दूदू में विलय नहीं चाहते हैं।

सबसे ज्यादा राजस्व के कारण भिवाड़ी का भी पलड़ा भारी

अलवर जिले के भिवाड़ी को भी नया जिला बनाने की मांग उठाई जा रही है। हालांकि भिवाड़ी में पुलिस के लिए जिला स्तर पर एसपी ऑफिस संचालित है। इसके अलावा भिवाड़ी में नगर सुधार न्यास कार्यालय भी है। वहीं अलवर जिले का सबसे ज्यादा राजस्व भिवाड़ी क्षेत्र से जाता है। ऐसे में भिवाड़ी को नया जिला नहीं बनाने पर लोगों में गहरा आक्रोश है। इसके चलते राम लुभाया कमेटी भिवाड़ी को जिला बनाने को लेकर विचार कर रही है।

इन नए शहरों के नए जिले बनाने पर कमेटी कर रही है विचार

राम लुभाया कमेटी सरकार से मिले हुए नए प्रस्ताव के अनुसार जालोर जिले के भीनमाल को भी जिला बनाने को लेकर विचार कर रही है। भीनमाल बड़ा व्यापारिक और औद्योगिक कस्बा है।इसी तरह निंबाहेड़ा में सीमेंट उद्योग के कारण प्रसिद्ध है। इसी क्षेत्र में सीमेंट उत्पादन इकाइयों और औद्योगिक कारखानों से समृद्धि पाई है। इसलिए निंबाहेड़ा पर भी कमेटी का विचार चल रहा है। दूसरी ओर सूरतगढ़ में जिला बनाने की मांग को लेकर तेज आंदोलन हुआ। सूरतगढ़ में सेना, सौर ऊर्जा, तापीय बिजली उत्पादन का एक बहुत बड़ा केंद्र है। यहां का मुद्दा सीएम गहलोत और राजस्थान प्रभारी रंधावा के समक्ष भी आया था। इसी तरह अनूपगढ़, लाडनूं, देवली(टोंक) और जैतारण या सोजत को नया जिला बनाने पर कमेटी का विचार किया जा रहा है।

नए संभागों को लेकर भी कमेटी कर रही है विचार

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट सत्र के दौरान 3 नए संभागों की घोषणा करने के बाद 10 संभाग बन चुके हैं। लेकिन हाल ही में कुछ बड़े शहरों को नए संभाग बनाए जाने को लेकर व्यापक स्तर पर मांग उठी है। जिसको देखते हुए सीएम अशोक गहलोत भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, नागौर और बाड़मेर जैसे बड़े जिलों को नया संभाग बनाने पर विचार कर रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने राम लुभाया कमेटी को भी प्रस्ताव भेजा है।

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