कोरोना संकट: ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे गोवा के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल में 4 दिन में हुईं 74 मौतें

कोरोना संकट - ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे गोवा के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल में 4 दिन में हुईं 74 मौतें
| Updated on: 14-May-2021 05:29 PM IST
पणजी: गोवा के सबसे बड़ो कोविड फैसिलिटी सेंटर गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीते 4 दिनों में 74 मरीजों की मौत हो गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये मौतें मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के कारण से हुई है। आज सुबह 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच 13 लोगों की मौत हो गई। गुरुवार तड़के 15 लोगों की मौत हो गई। एक दिन पहले यानी बुधवार को 20 लोगों की मौत हो गई और मंगलवार को भी 2 से 6 बजे के बीच 26 लोगों की जान चली गई।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, जिन्होंने इस सप्ताह अस्पताल का दौरा किया था, ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता और इसकी आपूर्ति के बीच अंतर कुछ मुद्दों का कारण हो सकता है। मुख्यमंत्री ने होईकोर्ट से जांच की मांग की, जो पहले से ही महामारी के प्रबंधन से सबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि राज्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है।

हालांकि सावंत का दावा गोवा के प्रधान सचिव पीके गोयल द्वारा केंद्र सरकार को मंगलवार को लिखे गए एक पत्र के विपरीत है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्होंने पत्र में कहा कि 1 मई से 10 मई के बीच राज्य को आवंटित 110 में से केवल 66.74 मीट्रिक टन ऑक्सीजन महाराष्ट्र के कोल्हापुर से प्राप्त हुआ।कोल्हापुर इस संकट में मेडिकल ऑक्सीजन का लगभग 40 प्रतिशत गोवा को आपूर्ति करता है।

गोवा सरकार ने केंद्र से की ऑक्सीजन को लेकर शिकायत

केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए, गोवा ने कहा है कि उसे महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 11 टन तरल ऑक्सीजन का दैनिक आवंटित कोटा नहीं मिल रहा है। गोवा में ऑक्सीजन की कमी के कारण पिछले दिनों 26 कोविड​​-19 मरीजों की कथित तौर पर मृत्यु हो गयी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा को लिखे पत्र में, गोवा के प्रधान सचिव पुनीत कुमार गोयल ने कहा कि पिछले 10 दिनों में विभिन्न कारणों से आवंटन में 40 टन से अधिक की कमी रही है। उन्होंने कहा है कि 1-10 मई के दौरान, राज्य को आवंटित 110 टन में से कोल्हापुर से केवल 66.74 टन तरल ऑक्सीजन प्राप्त हुई थी। 12 मई को लिखे पत्र में कहा गया, ''यह एक आग्रहपूर्ण अनुरोध है कि हमें 11 टन के स्थान पर कम से कम एक सप्ताह के लिए 22 टन प्रतिदिन दिए जाने चाहिए।

आपको बता दें कि गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खचाखच भरा हुआ है। नए रोगियों के लिए कोई जगह नहीं है। एक मरीज के परिजन ने एनडीटीवी को बताया, "हमने व्हीलचेयर पाने के लिए आठ घंटे इंतजार किया। अगले दिन उसका ऑक्सीजन का स्तर 50-60 था और हमें एक वेंटिलेटर की जरूरत थी, जो उपलब्ध नहीं था। उनके पास बिस्तर भी नहीं है।“

बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ में हो रही है सुनवाई

बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने महामारी से निपटने के लिए कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है और गुरुवार को कहा कि लॉजिस्टिक्स के कारण कोविड रोगियों को मरने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसा तब हुआ जब राज्य ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति को फिर से भरने में देरी गैस परिवहन करने वाले टैंकरों और ट्रैक्टरों को चलाने के लिए लोगों की कमी जैसी समस्याओं के कारण थी।

अदालत ने अस्पताल और राज्य के अधिकारियों को आज शाम 7 बजे तक स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया है; इसमें ऑक्सीजन की आपूर्ति और टैंक, सांद्रक और ड्राइवरों की उपलब्धता पर रिपोर्ट शामिल करना है।

गोवा में देश में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है। गुरुवार शाम तक यह दर 48.1 फीसदी थी। इसका मतलब है कि हर दूसरा COVID-19 परीक्षण पॉजिटिव परिणाम दे रहा है। शुक्रवार की सुबह राज्य ने 24 घंटे में 2,491 नए मामले और 62 मौतों की सूचना दी।

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