Schedule Tribe of Rajasthan: पश्चिमी राजस्थान के भील समुदाय को आगे लाने के लिए बनाएंगे कार्ययोजना, बैठक में बोले सीएम अशोक गहलोत

Schedule Tribe of Rajasthan - पश्चिमी राजस्थान के भील समुदाय को आगे लाने के लिए बनाएंगे कार्ययोजना, बैठक में बोले सीएम अशोक गहलोत
| Updated on: 05-Aug-2020 03:49 PM IST
जयपुर | टीएसपी क्षेत्र से बाहर पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, पाली, जोधपुर आदि जिलों में बिखरे रूप में रह रहे भील समुदाय के परिवारों को मुख्य धारा में लाने के लिए कार्ययोजना बनाएगी, ताकि उनकी शिक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के हर जरूरतमंद को सामाजिक सुरक्षा देना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

गहलोत ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जोधपुर संभाग में आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए जोधपुर में हॉस्टल एवं कोचिंग इंस्टीट्यूट खोला जाए। इससे इन जरूरतमंद बच्चों को आगे बढ़ने के अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के आदिवासी समाज की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यह दिवस मनाया जाए।

योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में सोशल एक्टिविस्टों के सुझाव उपयोगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्र लोगों को सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में एनजीओ एवं सोशल एक्टिविस्टों की बड़ी भूमिका रही है। उनके सुझाव योजनाओं के बेहतर एवं पारदर्शी रूप से क्रियान्वयन में उपयोगी होते हैं। खासकर बाल श्रम उन्मूलन, सिलिकोसिस, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना सहित सूचना के अधिकार के माध्यम से पारदर्शिता लाने में इन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

नशा मुक्ति अभियान में जनभागीदारी सुनिश्चित करें

गहलोत ने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 15 अगस्त से शुरू होने वाले नशा मुक्ति अभियान को व्यापक एवं प्रभावी रूप से चलाया जाए। इसमें स्वयंसेवी संगठनों एवं आमजन की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि बाल श्रम के उन्मूलन के लिए संबंधित अधिकारी नियमित रूप से कार्य स्थलों का निरीक्षण करें। खास तौर पर ऎसे उद्योगों का जहां बालश्रम ज्यादा होने की संभावना रहती है। 

जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया ने कहा कि जनजाति क्षेत्र के युवाओं को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के माध्यम से कोचिंग दिलवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में भी टीएसपी क्षेत्र के 5 लाख किसानों को उन्नत किस्म के मक्का बीज उपलब्ध करवाया गया है। विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण देते हुए शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुडे़ प्रदेश के 78 लाख से अधिक लाभार्थियों को समय पर भुगतान के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था लागू कर दी है। उन्होंने बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत प्रदेश में उल्लेखनीय काम हुआ है। अब मात्र 96 दावों में ही अधिकार पत्र जारी होना शेष हैं। प्रदेश में अब तक 44 हजार से अधिक अधिकार पत्र जारी हो चुके हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक ओपी बुनकर, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, बाल अधिकारिता आयुक्त महेशचंद्र शर्मा तथा निशक्तजन आयुक्त गजानंद शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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