Adani Group: अडानी ग्रुप की ऊर्जा क्षेत्र में सक्रिय कंपनी अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी को महाराष्ट्र में 1,600 करोड़ रुपये का इंटरस्टेट ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट मिला है, जिसकी जानकारी शुक्रवार को साझा की गई। इस परियोजना के तहत 3,000 मेगा वोल्ट-एम्पीयर (MVA) की सबस्टेशन क्षमता विकसित की जाएगी, साथ ही पावर ट्रांसमिशन से जुड़ा अन्य बुनियादी ढांचा भी तैयार किया जाएगा।
इस नए प्रोजेक्ट के साथ AESL की ऑर्डर बुक अब 61,600 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह उपलब्धि न केवल अडानी ग्रुप की रणनीतिक दक्षता को दर्शाती है, बल्कि भारत के ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर को भी एक नई दिशा देती है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही AESL का ट्रांसमिशन नेटवर्क 26,696 सर्किट किलोमीटर और 93,236 MVA की कुल क्षमता तक विस्तारित हो जाएगा।
यह परियोजना इंटरस्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) के तहत प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया (TBCB) के जरिए प्राप्त की गई है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता, तकनीकी गुणवत्ता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी जाती है। AESL ने इस प्रोजेक्ट को जनवरी 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, और कंपनी अपनी तकनीकी क्षमताओं के बल पर समयबद्ध कार्यान्वयन को लेकर आश्वस्त है।
यह प्रोजेक्ट न केवल महाराष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा करेगा, बल्कि देशभर में बिजली की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। अडानी ग्रुप का मानना है कि यह पहल भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में सहायक होगी, साथ ही हरित ऊर्जा लक्ष्यों को भी साकार करने में योगदान देगी।
इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और इससे क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। अडानी ग्रुप के इस कदम से न केवल ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह बुनियादी ढांचे में निवेश को भी आकर्षित करेगा, जो भारत की विकास गाथा को और गति देगा।
इस प्रोजेक्ट के ऐलान का असर अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी देखा जा सकता है। खास तौर पर अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी पावर जैसे स्टॉक्स पर अगले सप्ताह बाजार की नजर बनी रहेगी। निवेशकों और विश्लेषकों की निगाहें इस डील से जुड़े संभावित प्रभावों पर टिकी रहेंगी।