Gautam Adani: अडाणी ग्रुप को जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण के लिए कर्जदाताओं की मंजूरी मिली

Gautam Adani - अडाणी ग्रुप को जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण के लिए कर्जदाताओं की मंजूरी मिली
| Updated on: 19-Nov-2025 08:01 PM IST
अडाणी ग्रुप ने जयप्रकाश एसोसिएट्स (जेपी ग्रुप) के अधिग्रहण के लिए कर्जदाताओं की समिति (CoC) से महत्वपूर्ण मंजूरी हासिल कर ली है। सूत्रों के अनुसार, अडाणी ग्रुप के पक्ष में मतदान किया गया, जिससे कंपनी के लिए 14,535 करोड़ रुपये के अधिग्रहण प्रस्ताव का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस प्रस्ताव को प्रतिद्वंद्वी बोलीदाताओं की तुलना में अधिक अग्रिम भुगतान की पेशकश के कारण प्राथमिकता मिली। कर्जदाताओं की समिति ने अडाणी ग्रुप, वेदांता लिमिटेड और डालमिया सीमेंट (भारत) सहित प्रमुख दावेदारों द्वारा प्रस्तुत समाधान योजनाओं पर गहन मतदान किया।

कर्जदाताओं का निर्णायक फैसला

कर्जदाताओं की समिति ने अडाणी ग्रुप की समाधान योजना को भारी बहुमत से स्वीकार किया, जिसमें उन्हें कुल 89 प्रतिशत वोट मिले। यह वेदांता ग्रुप और डालमिया सीमेंट (भारत) द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों से काफी। अधिक था, जो मतदान में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इस प्रक्रिया में नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि उसके पास ऋणदाताओं की समिति के लगभग 86 प्रतिशत वोटिंग शेयर थे। भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित ऋणदाताओं का एक छोटा समूह, जिसकी कुल मिलाकर सीओसी के वोटों में 3 प्रतिशत से भी कम हिस्सेदारी थी, मतदान से दूर रहा। कर्जदाताओं ने अडाणी की योजना को मुख्य रूप से इसलिए पसंद किया क्योंकि इसमें प्रतिस्पर्धी प्रस्तावों की तुलना में काफी ज्यादा अग्रिम भुगतान की पेशकश की गई थी।

अडाणी का विजयी प्रस्ताव

अडाणी ग्रुप ने जयप्रकाश एसोसिएट्स के लिए कुल योजना मूल्य (TPV) 14,535 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्ताव की संरचना में 6,005 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान शामिल है, जो प्रतिस्पर्धियों की तुलना में काफी अधिक है, और शेष 6,726 करोड़ रुपये दो साल बाद देय होंगे और शुद्ध वर्तमान मूल्य (NPV) के लिहाज से, यह प्रस्ताव लगभग 12,000 करोड़ रुपये का बैठता है। यह वित्तीय संरचना कर्जदाताओं के लिए विशेष रूप से आकर्षक थी, क्योंकि यह उन्हें तत्काल और। निश्चित भुगतान प्रदान करती है, जिससे जेपी ग्रुप के दिवालियापन से जुड़े जोखिम कम होते हैं।

वेदांता का प्रतिस्पर्धी प्रस्ताव

अडाणी के प्रस्ताव के मुकाबले, वेदांता लिमिटेड ने 3,800 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान और अगले पांच सालों में 12,400 करोड़ रुपये के स्थगित भुगतान की पेशकश की थी और इससे उसका कुल योजना मूल्य 16,726 करोड़ रुपये बैठता है। हालांकि वेदांता का कुल योजना मूल्य अडाणी से अधिक था, लेकिन अग्रिम भुगतान की कमी और लंबी भुगतान अवधि ने इसे कर्जदाताओं के लिए कम आकर्षक बना दिया। इस बारे में संपर्क किए जाने पर वेदांता के प्रवक्ता ने कहा कि सीओसी पर मतदान इसी सप्ताह हो रहा है और उन्हें भरोसा है कि सीओसी जनहित में फैसला लेगी। वेदांता ने अपनी वृद्धि-उन्मुख रणनीति और मूल्य सृजन पर ध्यान केंद्रित करने की बात भी दोहराई।

जयप्रकाश एसोसिएट्स की वित्तीय चुनौतियां

जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) को पिछले साल जून में कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) में शामिल किया गया था। कंपनी ने कुल 57,185 करोड़ रुपये के ऋणों का भुगतान नहीं किया था, जिसके बाद उसे दिवाला प्रक्रिया में लाया गया और जेएएल के पास रियल एस्टेट, सीमेंट विनिर्माण, होटल, बिजली और इंजीनियरिंग एवं निर्माण क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाली संपत्तियों के अलावा वाणिज्यिक हित भी हैं। कंपनी की वित्तीय स्थिति लंबे समय से तनाव में थी, और दिवाला कार्यवाही ने इसके व्यवसायों को और प्रभावित किया।

जयप्रकाश एसोसिएट्स की प्रमुख संपत्तियां

जेएएल के पास कई प्रमुख और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण संपत्तियां हैं। इनमें ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन का एक हिस्सा (दोनों राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में) और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाएं शामिल हैं और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी निर्माणाधीन जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास रणनीतिक रूप से स्थित है, जो भविष्य में इसके मूल्य को और बढ़ा सकता है। इन संपत्तियों ने अधिग्रहणकर्ताओं के लिए जेएएल को एक आकर्षक लक्ष्य बना दिया था।

बोली प्रक्रिया का सफर

इस साल अप्रैल में, 25 कंपनियों ने जेएएल के अधिग्रहण में रुचि दिखाई थी और हालांकि, जून में, जेएएल ने घोषणा की कि उसे दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से कंपनी के अधिग्रहण के लिए पांच कंपनियों से बयाना राशि के साथ बोलियां प्राप्त हुई हैं। इन पांच कंपनियों में वेदांता, अडाणी एंटरप्राइजेज, डालमिया सीमेंट, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक शामिल थीं और सीओसी ने इन सभी समाधान योजनाओं का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया। सूत्रों ने बताया कि अडाणी एंटरप्राइज लि. की समाधान योजना को सबसे ज्यादा वोट मिले, उसके बाद डालमिया सीमेंट (भारत) और वेदांता लिमिटेड का स्थान रहा। यह भी समझा जाता है कि डालमिया की योजनाओं में भुगतान जेएएल और विकास प्राधिकरण (वाईआईडीए) के बीच लंबित। मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर था, जिससे उसकी बोली में अनिश्चितता का तत्व जुड़ गया था। अडाणी ग्रुप दो सालों के भीतर ऋणदाताओं को भुगतान की पेशकश कर रहा है, जबकि वेदांता अगले 5 सालों में भुगतान की पेशकश कर रहा था, जो अडाणी के प्रस्ताव को अधिक आकर्षक बनाता है।

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