Adani Group News: अडानी ग्रुप नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 30,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने की योजना बना रहा है। यह ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, जो दिसंबर 2025 में शुरू होने वाला है, भारत के एविएशन सेक्टर में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन समारोह से पहले साझा की गई है। ग्रुप ने पहले ही इस प्रोजेक्ट में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, और अब दूसरे टर्मिनल का डिज़ाइन शुरू हो चुका है, जिसे 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इस हफ्ते होने वाले पहले फेज के उद्घाटन में एक रनवे के साथ 2 करोड़ यात्री प्रति वर्ष (MPPA) की क्षमता होगी। यह एयरपोर्ट घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों को संभालेगा। अडानी ग्रुप ने अकासा एयर, इंडिगो और एयर इंडिया के साथ समझौते अंतिम रूप दे दिए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले फेज की क्षमता शुरूआत में लगभग पूरी हो जाएगी, जिसमें प्रति घंटे 20-23 उड़ानें संचालित होंगी। भविष्य में इस संख्या को और बढ़ाया जा सकता है।
दूसरे फेज में एयरपोर्ट की क्षमता 3 करोड़ यात्रियों तक बढ़ेगी। इसके साथ ही एक विशाल कार्गो टर्मिनल और भारत की सबसे बड़ी मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) सुविधा स्थापित की जाएगी, जिसमें पांच बड़े हैंगर होंगे। इस फेज के पूरा होने पर कार्गो टर्मिनल 38 लाख टन माल प्रति वर्ष संभाल सकेगा, जिससे नवी मुंबई भारत का एक प्रमुख कार्गो हब बन जाएगा। एक अधिकारी ने कहा, “भारत में अभी तक कोई समर्पित कार्गो हब नहीं है, और नवी मुंबई इस कमी को पूरा करेगा।”
अडानी ग्रुप इस विस्तार के लिए लोन और इक्विटी के माध्यम से धन जुटाएगा। ग्रुप अपनी एयरपोर्ट होल्डिंग कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने पर विचार कर रहा है, हालांकि अभी इसकी कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है। इस प्रोजेक्ट में महाराष्ट्र सरकार की 26% हिस्सेदारी है, जबकि शेष हिस्सेदारी अडानी ग्रुप के पास है।
1,160 हेक्टेयर में फैला यह एयरपोर्ट अंततः चार टर्मिनल्स के साथ 10 करोड़ यात्री प्रति वर्ष की क्षमता तक पहुंचेगा। इसका डिज़ाइन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सुगम ट्रांसफर सुनिश्चित करेगा, जिसमें बार-बार सिक्योरिटी और कस्टम्स जांच की आवश्यकता नहीं होगी। अडानी ग्रुप का लक्ष्य नवी मुंबई को दुबई जैसे वैश्विक यात्री हब के रूप में विकसित करना है। इसके लिए ऑटोमेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम, अंडरग्राउंड फ्यूल सिस्टम और एक कुशल कार्गो-पैसेंजर नेटवर्क भी स्थापित किया जाएगा।
अडानी ग्रुप, जो भारत में आठ एयरपोर्ट्स का संचालन करता है, नवी मुंबई को अपनी एविएशन रणनीति का केंद्र बनाना चाहता है। एक अधिकारी ने कहा, “भारत की आर्थिक वृद्धि, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र और वैश्विक एविएशन हब की आवश्यकता को देखते हुए, नवी मुंबई एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” यह एयरपोर्ट न केवल यात्री और कार्गो सेवाओं को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत को वैश्विक एविएशन मानचित्र पर एक मजबूत स्थान दिलाने में भी मदद करेगा।