Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप: 7 की मौत, 150 घायल, दहशत का माहौल
Afghanistan Earthquake - अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप: 7 की मौत, 150 घायल, दहशत का माहौल
अफगानिस्तान में एक बार फिर शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिसने देश को हिलाकर रख दिया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6 और 3 मापी गई। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक कम से कम 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 150 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह घटना सोमवार को स्थानीय समयानुसार रात 12:59 बजे हुई, जब अधिकांश लोग या तो सो रहे थे या रात की। तैयारी कर रहे थे, जिससे अचानक आए इन झटकों ने उन्हें चौंका दिया और पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल फैल गया।
भूकंप का केंद्र और तीव्रता का विवरण
यूएसजीएस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान। के खुल्म शहर से लगभग 22 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में स्थित था। भूकंप की गहराई 28 किलोमीटर दर्ज की गई, जो सतह के। अपेक्षाकृत करीब होने के कारण झटकों की तीव्रता को बढ़ा देती है। इतनी कम गहराई पर आए भूकंप अक्सर सतह पर अधिक विनाशकारी प्रभाव डालते हैं, जिससे इमारतों को नुकसान पहुंचने और जान-माल का नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। 6. 3 की तीव्रता एक मध्यम से मजबूत भूकंप मानी जाती है, जिसमें कमजोर संरचनाओं को गंभीर नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है। इस क्षेत्र की भूगर्भीय अस्थिरता को देखते हुए, ऐसे झटके अक्सर आते रहते हैं, लेकिन। यह विशेष घटना अपनी तीव्रता और रात के समय आने के कारण अधिक चिंताजनक साबित हुई।रात के समय आया भूकंप, फैली दहशत
भूकंप उस समय आया जब रात का गहरा अंधेरा था और अधिकांश आबादी गहरी नींद में थी। अचानक धरती के हिलने से लोग अपनी नींद से जाग उठे और घरों से बाहर निकलने के लिए भागे। यह स्थिति किसी भी आपदा में सबसे भयावह होती है, क्योंकि अंधेरे में सुरक्षित स्थान ढूंढना और घबराहट में सही निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है। कई लोगों ने अपने घरों की दीवारों में दरारें पड़ने और सामान गिरने की सूचना दी। बच्चों और बुजुर्गों में विशेष रूप से दहशत देखी गई और स्थानीय प्रशासन और बचाव दल तुरंत हरकत में आए, लेकिन रात के अंधेरे और संचार की चुनौतियों के कारण शुरुआती राहत कार्यों में बाधाएं आईं। लोगों को खुले स्थानों पर इकट्ठा होने की सलाह दी गई, ताकि संभावित आफ्टरशॉक्स से बचा जा सके।अफगानिस्तान में पिछले विनाशकारी भूकंप
अफगानिस्तान भूकंपीय रूप से एक अत्यधिक सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, और इसने अतीत में कई विनाशकारी भूकंपों का सामना किया है और 31 अगस्त, 2025 को पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तान सीमा के पास 6. 0 तीव्रता का एक और भूकंप आया था, जिसमें 2,200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। यह आंकड़ा क्षेत्र की भेद्यता को दर्शाता है। इसके अलावा, तालिबान सरकार के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 को 6. 3 तीव्रता के भूकंप के बाद आए तेज झटकों में कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे। ये आंकड़े बताते हैं कि अफगानिस्तान में भूकंप केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक आवर्ती त्रासदी है जो लगातार जान-माल का भारी नुकसान करती है। इन पिछली घटनाओं ने पहले से ही कमजोर बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव डाला है।हिंदूकुश क्षेत्र में लगातार झटके
अफगानिस्तान का हिंदूकुश क्षेत्र अपनी जटिल भूगर्भीय संरचना के कारण लगातार भूकंपीय गतिविधि का केंद्र बना हुआ है और यह वह क्षेत्र है जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं, जिससे लगातार तनाव पैदा होता है और भूकंप आते रहते हैं। 22 अक्टूबर को भी इसी हिंदूकुश क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे और यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (EMSC) ने बताया कि उस भूकंप की तीव्रता 5. 1 थी और इसका केंद्र 244 किलोमीटर (152 मील) की गहराई पर था। हालांकि यह भूकंप अपेक्षाकृत गहरा था, फिर भी राजधानी काबुल में भी इसके तेज झटके महसूस किए गए थे, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई थी। इस क्षेत्र में गहरे और उथले दोनों तरह के भूकंप आते हैं, जिनमें से उथले भूकंप अधिक विनाशकारी होते हैं।पड़ोसी पाकिस्तान पर भी असर
भूकंप के झटके केवल अफगानिस्तान तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के एक बयान के अनुसार, पाकिस्तान में रिक्टर स्केल पर 3. 8 तीव्रता के भूकंप के झटके दर्ज किए गए। यह दर्शाता है कि भूकंप का प्रभाव एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ था। इससे पहले भी एनसीएस के अनुसार पाकिस्तान में 4 और 7 तीव्रता और 4. 0 तीव्रता के भूकंप आए थे, जो यह बताता है कि यह पूरा क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के प्रति संवेदनशील है और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में भी लोगों ने झटके महसूस किए, जिससे वहां भी थोड़ी देर के लिए दहशत फैल गई। दोनों देशों के बीच की भौगोलिक निकटता के कारण, एक देश में आने वाले बड़े भूकंप का असर दूसरे पर भी पड़ना स्वाभाविक है।
अफगानिस्तान और उसके आसपास का क्षेत्र दुनिया के सबसे भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में से एक है और इस क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि के कारण लगातार भूकंप आते रहते हैं। देश का पहाड़ी इलाका और अक्सर कमजोर निर्माण वाली इमारतें भूकंप के प्रभावों को और बढ़ा देती हैं। इसके अलावा, राजनीतिक अस्थिरता और सीमित संसाधनों के कारण, भूकंप-रोधी निर्माण और आपदा प्रबंधन की तैयारी अक्सर अपर्याप्त होती है। घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना और बेघर हुए। लोगों को आश्रय देना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां अक्सर ऐसे समय में मदद के लिए आगे आती हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना बेहद आवश्यक है ताकि भविष्य में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। इस नवीनतम भूकंप ने एक बार फिर इस क्षेत्र की। भेद्यता और आपदा तैयारियों की आवश्यकता को उजागर किया है।