Boycott China : भारत के बाद अब ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका में भी TikTok समेत कई चीनी ऐप्स होंगे बैन

Boycott China - भारत के बाद अब ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका में भी TikTok समेत कई चीनी ऐप्स होंगे बैन
| Updated on: 07-Jul-2020 11:29 AM IST
वाशिंगटन/ मेलबर्न। भारत के 59 चायनीज ऐप्स बैन (India Banned Chinese Apps) करने के बाद अब अमेरिका (US) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) भी TikTok समेत कई ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर बैन करने की तैयारी में हैं। ऑस्ट्रेलिया में जहां संसदीय समिति जल्द इस पर अपनी मुहर लगा सकती है, वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी कहा है कि जल्द ही कई चायनीज ऐप्स पर सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिबन्ध लगता जा सकता है।

भारत ने सुरक्षा कारणों के चलते टिक टॉक, यूसी ब्राउज़र जैसी 59 ऐप्स को बैन किया था। अब ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका भी राष्ट्रीय सुरक्षा और यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को देखते हुए टिक टॉक बैन कर सकते हैं। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में 16 लाख से ज्यादा लोग टिकटॉक यूज करते हैं। ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर जेनी मैकएलिस्टर ने कहा, टिकटॉक कंपनी के अफसरों को जांच में सहयोग करना चाहिए। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई स्ट्रेटजिक पॉलिसी संस्थान के एक्सपर्ट फर्गस रयान ने कहा, टिकटॉक पूरी तरह से प्रोपेगेंडा और मास सर्विलांस के लिए है। इसमें चीन के खिलाफ दिए जाने वाले विचार सेंसर कर दिए जाते हैं। ऑस्टेलिया के लिबरल सांसद और इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष एन्ड्रू हैस्टी ने फरवरी में ही यह दावा किया था कि ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, 'चीन के इंटेलिजेंस कानून 2017 के मुताबिक, चीन की सरकार कभी भी कंपनियों को जानकारी शेयर करने के लिए भी कह सकती है।


अमेरिका में भी लगेगा प्रतिबंध

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी सोमवार को कहा कि जल्द ही चीन के कई सोशल मीडिया ऐप्स जिनमें टिकटॉक भी शामिल है पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। फॉक्स न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और जल्द ही बड़ा फैसला लिया जा सकता है

पोम्पियो ने कहा कि भारत की ही तरह अमेरिका को भी चायनीज ऐप्स पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए और इसकी शुरुआत टिकटॉक से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम चीनी लोगों और कंपनियों की इज्जत करने हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों को ये ऐप्स तभी इस्तेमाल करने चाहिए जब उन्हें इस बात से फर्क न पड़ता हो कि उनकी निजी जानकारी चीनी कंपनियों के पास जा रही है।


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