India-China Relation: मोदी-शी के बाद अब जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री की मुलाकात, जानें क्या हुई बात

India-China Relation - मोदी-शी के बाद अब जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री की मुलाकात, जानें क्या हुई बात
| Updated on: 19-Nov-2024 06:40 PM IST
India-China Relation: G20 शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव के इन बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के बाद यह दोनों पक्षों के बीच पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी। यह वार्ता भारत-चीन संबंधों में नई दिशा तय करने की कोशिशों का हिस्सा है।

सीमाओं पर सैन्य वापसी की समीक्षा

दोनों विदेश मंत्रियों ने डेमचोक और देपसांग में हाल ही में पूरी हुई सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की। यह कदम चार साल के लंबे तनाव को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सीमा विवाद के बाद दोनों पक्षों ने गश्त गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं, जो इस क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए सकारात्मक संकेत है।

द्विपक्षीय संबंधों पर विचार-विमर्श

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि दोनों नेताओं ने भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए अगले कदमों पर चर्चा की। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा,

"हमने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से हालिया सैन्य वापसी प्रक्रिया में हुई प्रगति पर गौर किया और द्विपक्षीय संबंधों के अगले कदमों पर विचार किया।"

द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में दोनों देशों ने सहमति जताई, हालांकि इसके लिए आगे ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

वैश्विक परिदृश्य पर चर्चा

इस बैठक में वैश्विक स्थिति और दोनों देशों के लिए उभरती चुनौतियों पर भी बातचीत हुई। भारत और चीन, जो दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

सेनाओं की वापसी और आगे का रास्ता

भारत और चीन ने हाल ही में डेमचोक और देपसांग से सेनाओं की वापसी का काम पूरा किया। यह प्रक्रिया लगभग साढ़े चार साल के तनावपूर्ण हालात के बाद संभव हो सकी। अब दोनों पक्षों ने यह स्पष्ट किया है कि वे सीमा विवाद को सुलझाने और गश्त व्यवस्था को फिर से लागू करने के लिए बातचीत जारी रखेंगे।

भारत-चीन संबंधों का भविष्य

यह बैठक भारत और चीन के बीच भरोसा बहाल करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत देती है। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि सीमा विवाद और अन्य जटिल मुद्दों के समाधान के लिए निरंतर संवाद और पारस्परिक सहमति आवश्यक है।

भारत-चीन संबंधों में सुधार वैश्विक राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन दोनों देशों का सहयोग न केवल क्षेत्रीय स्थिरता बल्कि अंतरराष्ट्रीय संतुलन के लिए भी आवश्यक है। इस बैठक को दोनों पक्षों द्वारा भविष्य में संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की संभावनाओं के तौर पर देखा जा रहा है।

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