Adani Group News: US आरोपों के बाद अडानी ग्रुप ने लिया बड़ा फैसला, इस लोन डील से खींचा हाथ

Adani Group News - US आरोपों के बाद अडानी ग्रुप ने लिया बड़ा फैसला, इस लोन डील से खींचा हाथ
| Updated on: 11-Dec-2024 05:00 PM IST
Adani Group News: अदाणी ग्रुप ने हाल ही में अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) से लोन लेने के फैसले को रद्द कर दिया है। यह निर्णय उस समय आया है जब अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और सात अन्य पर भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों का उद्देश्य सौर ऊर्जा आपूर्ति से जुड़े ठेके हासिल करना था। हालांकि, अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताते हुए कानूनी उपाय अपनाने की बात कही है।

श्रीलंका के बंदरगाह प्रोजेक्ट पर असर

अदाणी ग्रुप ने श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (सीडब्ल्यूआईटी) प्रोजेक्ट के लिए डीएफसी से ऋण लेने का समझौता किया था। यह टर्मिनल श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (एसएलपीए) और जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी के साथ मिलकर विकसित किया जा रहा है। डीएफसी ने पिछले साल नवंबर में इस परियोजना के लिए 55.3 करोड़ डॉलर का ऋण प्रदान करने की सहमति जताई थी। लेकिन अब अदाणी ग्रुप ने घोषणा की है कि वह इस प्रोजेक्ट को अपने आंतरिक संसाधनों और पूंजी प्रबंधन योजना के जरिए पूरा करेगा।

शेयर बाजार को दी गई सूचना

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने मंगलवार देर रात शेयर बाजार को इस बदलाव की जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि प्रोजेक्ट अगले साल की शुरुआत तक चालू होने की उम्मीद है और इसके लिए किसी बाहरी वित्त पोषण की आवश्यकता नहीं होगी।

चीन के प्रभाव को रोकने की कोशिशों पर असर

डीएफसी का यह प्रोजेक्ट अमेरिकी सरकार के क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के प्रयासों का हिस्सा था। यह अदाणी ग्रुप की विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास की क्षमता को भी दर्शाता है। हालांकि, डीएफसी और एसएलपीए के बीच शर्तों को लेकर मतभेद उभरे, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।

रिश्वतखोरी के आरोप और अदाणी का रुख

अमेरिकी एजेंसी ने अदाणी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच शुरू की थी। अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह कानूनी प्रक्रिया के तहत अपनी बेगुनाही साबित करेगा। वहीं, प्रोजेक्ट के पूरा होने के करीब होने के कारण ग्रुप ने बिना किसी बाहरी सहायता के इसे आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।

निष्कर्ष

अदाणी ग्रुप का यह निर्णय दर्शाता है कि कंपनी विवादों के बावजूद अपनी परियोजनाओं को आत्मनिर्भरता के साथ पूरा करने की प्रतिबद्धता रखती है। यह कदम न केवल उनके वित्तीय प्रबंधन कौशल को प्रदर्शित करता है, बल्कि उनके विश्वसनीयता बनाए रखने की कोशिश को भी उजागर करता है।

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