देश: एम्स ने बताया 'ब्लैक फंगस' से बचाव के लिए 'क्या करें और क्या न करें' कोविड-19 के मरीज़
देश - एम्स ने बताया 'ब्लैक फंगस' से बचाव के लिए 'क्या करें और क्या न करें' कोविड-19 के मरीज़
Mucormycosis/Black Fungus Cases: देश में एक तरफ कोरोना ने भीषण कोहराम मचा रखा है वहीं दूसरी तरफ नई बीमार ब्लैक फंगस (Black Fungus) की एंट्री हो चुकी है. देश के कई हिस्सों से ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में इस बाबत अब लोगों की जान भी जा रही है. अकेले महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस से 90 लोगों की मौत हो चुकी है. रोजोना ब्लैक फंगस के नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली स्थित AIIMS ने गाइडलाइन्स जारी की है. इस गाइडलाइन के जरिए ब्लैक फंगस का पता लगाना आसान हो जाएगा.ब्लैक फंगस के लक्षण (Symptoms of Black Fungus)1- नाक से खून बहना, नाक में पपड़ी का जमना और नाक से काले रंग जैसा कुछ निकलना2- नाक का बंद होना, आंखों के पास सूजन, धुंधला दिखना, आंख और सिरदर्द, कम दिखाई पड़ना, आख खोलने में दिक्कत, आंखों का लाल होना3- चेहरे में झुनझुनी जैसा महसूस होना या चेहरे का सुन्न होना.4- ब्लैक फंगस से आप संक्रमित हैं या नहीं इसके लिए प्रतिदिन खुद को चेक करें और अच्छी रोशनी में करें ताकि अगर पता चल सके कि आप सक्रमित हैं या नहीं.5- दांत का गिरना या मुंह के अंदर सूजना होना.ब्लैक फंगस से किसे सबसे ज्यादा खतरा1- जिन मरीजों का डायबिटीज लेवल कंट्रोल में नहीं है, या फिर उन्हें स्टेरॉयड या टोकिलीजुमैब दवाई का सेवन किया है उसे इसका सबसे ज्यादा खतरा है.2- किसी पुरानी बिमारी से ग्रसित या फिर कैंसर के मरीजों को इसका खतरा है.3- स्टेरॉयड अधिक मात्रा में ले रहे मरीज को इससे खतरा है.4- कोरोना संक्रमितों या फिर जो वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं उन्हें खतरा है.ब्लैक फंगस से बचाव1- ब्लैक फंगस से संक्रमित अगर कोई होता है तो इसे उसे ENT डॉक्टर से संपर्क फौरन करना चाहिए. या फिर किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें.2- अपने शुगर लेवल को रेगुलर मॉनिटर करें3- किसी अन्य बिमारी से ग्रसित हैं तो उसकी नियमित दवा लेते रहें4- स्टेरॉयड का सेवन खुद से न करें, डॉक्टर से सलाह जरूर लें5- डॉक्टर से सलाह लेकर MRI और CT-Scan करवाएं.ब्लैक फंगस का इलाजब्लैक फंगस के इलाज में केवल एम्फोटेरिसिन बी दवा ही काम आती है. इसके अलावा किसी अन्य दवा से इसका फिलहाल के लिए इलाज संभव नहीं है. ऐसे में इस दवा की मांग अचानक से बढ़ी है. इस दवा की कालाबाजारी न हो इसके लिए सरकार द्वारा 4 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है जो इस दिशा में काम करेगी.