Chopper Crash: वायुसेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी पूरी, जानिए किस वजह से हादसे का शिकार हुआ हेलीकॉप्टर?

Chopper Crash - वायुसेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी पूरी, जानिए किस वजह से हादसे का शिकार हुआ हेलीकॉप्टर?
| Updated on: 02-Jan-2022 02:43 PM IST
तमिलनाडु के कुन्नूर में पिछले महीने हुए हेलीकॉप्टर क्रैश (Tamil Nadu Helicopter Crash) मामले में वायुसेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी लगभग पूरी हो गई है. इस हेलीकॉप्टर क्रैश में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में वायुसेना का MI-17V5 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. सूत्रों के मुताबिक, वायु सेना प्रमुख को अंतिम रिपोर्ट सौंपे जनवरी में सौंपे जाने की उम्मीद है.

हालांकि हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच को लेकर वायुसेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. लेकिन सुत्रों की मानें तो हेलीकॉप्टर हादसे के संभावित कारणों में मानवीय या तकनीकी त्रुटि शामिल नहीं हैं. इसके मुताबिक, इस तरह के हादसे तब होते हैं जब पायलट का ध्यान भटक जाए या फिर वो स्थिति का ठीक अनुमान न लगा पाए. इसके अलावा यह भी हो सकता है कि पायलट अनजाने में किसी सतह से टकरा गया हो. ऐसी स्थिति को कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरैन (CIFT) कहा जाता है.

हेलीकॉप्टर में नहीं थी कोई तकनीकी गड़बड़ी

सूत्रों ने बताया कि CIFT का मतलब है कि हेलीकॉप्टर उड़ान के योग्य था और पायलट की गलती नहीं थी. उन्होंने कहा कि इस मामले में हो सकता है कि कुन्नूर इलाके में खराब मौसम के कारण विजिबिलिटी कम हो गई हो, जिस वजह से ये हादसा हो गया. गौरतलब है कि विश्व स्तर पर होने वाले विमान दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में से एक CIFT भी है. इन्वेस्टिगेशन टीम ने ऐसी किसी संभावना से इंकार किया है कि हेलीकॉप्टर में कोई तकनीकी गड़बड़ी थी. उनका कहना है कि हेलीकॉप्टर में कोई गड़बड़ी नहीं थी.

वायुसेना प्रमुख को सौंपी जाएगी जांच रिपोर्ट

ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के प्रमुख एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह (Air Marshal Manvendra Singh) हैं, जो सशस्त्र बलों में देश के शीर्ष हेलीकॉप्टर पायलट हैं. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Chaudhari) ने किया था. सूत्रों के मुताबिक, उम्मीद है कुछ दिनों में इस रिपोर्ट को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को सौंप दिया जाएगा. निष्कर्षों को प्रस्तुत करने से पहले उनकी कानूनी रूप से जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जांच में सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था. इन्वेस्टिगेशन टीम अपनी जांच की पुष्टी करने के लिए फिलहाल वायुसेना के लीगल डिपार्टमेंट से सलाह ले रही है.

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