Air India Express: एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलटों ने हड़ताल वापस ली, 170 उड़ानों को अब तक रद्द किया गया

Air India Express - एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलटों ने हड़ताल वापस ली, 170 उड़ानों को अब तक रद्द किया गया
| Updated on: 09-May-2024 09:20 PM IST
Air India Express: टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस के अचानक सिक लीव पर एक साथ गए तमाम कर्मचारियों की अब छुट्टी खत्म हो गई है. दरअसल, एयर इंडिया प्रबंधन और एयर इंडिया एक्सप्रेस यूनियन के बीच जारी विवाद खत्म हो गया है. एयरलाइन कंपनी ने बताया कि विवाद खत्म होने से ‘सिक लीव’ पर गए सभी 100 से ज्यादा कर्मचारी जल्द ही नौकरी पर लौटेंगे. कंपनी ने बताया कि सभी निलंबित क्रू मेंबर्स का निलंबन तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है, जिस कारण अब सिक लीव पर गए सभी कर्मचारी भी तत्काल प्रभाव से काम पर लौटेंगे.

बता दें, हाल ही में कंपनी ने बड़ा कदम उठाया है और तमाम कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया था. कंपनी ने इन कर्मचारियों को ऑपरेशन डिस्टर्ब करने और नियुक्ति शर्तों का उल्लंघन करने के लिए दोषी मानते हुए टर्मिनेट किया था. विवाद बढ़ने के बाद कंपनी को सभी निलंबित कर्मचारियों का निलंबन वापस लेना पड़ा.

अब साथ मिलकर काम करेंगे

एयरलाइन और केबिन क्रू अब मिलकर काम करेंगे और मुद्दों का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. उम्मीद है कि अब उड़ानों में बाधा नहीं आएगी और यात्रियों को परेशानी नहीं होगी. यह समझौता दोनों पक्षों के लिए राहत की बात है.

इससे एयरलाइन को अपनी उड़ानें फिर से शुरू करने और यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करने का मौका मिलेगा. वहीं, केबिन क्रू को अपनी मांगों पर विचार करने और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों का वादा मिला है.

बातचीत के बाद हुआ समझौता

सूत्रों ने यह जानकारी दी है. एयर इंडिया एक्सप्रेस के केबिन क्रू सदस्यों ने वेतन, भत्ते और काम की स्थिति से जुड़ी कई मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी थी. 9 मई को 100 से अधिक क्रू सदस्यों ने बीमार होने का दावा करते हुए अचानक काम पर आना बंद कर दिया था. इसके कारण 90 उड़ानें रद्द हो गई थीं. एयरलाइन ने इन सदस्यों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत टर्मिनेशन लेटर भेजे थे.

'सिक लीव' पर चले गए थे पायलट 

एयरलाइन में कथित कुप्रबंधन के विरोध में चालक दल के सदस्यों के एक वर्ग के ‘बीमार’ होने की सूचना के बाद एयर इंडिया एक्सप्रेस ने उड़ानों को रद्द किया। राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) के कार्यालय में चालक दल के सदस्यों के प्रतिनिधियों और एयरलाइन प्रतिनिधियों के बीच सुलह बैठक के दौरान हड़ताल और बर्खास्तगी पत्र वापस लेने पर सहमति बनी। 

लोगों में आक्रोश देखने को मिला 

केरल के अलग-अलग एयरपोर्ट से दूसरे देशों की यात्रा करने के इच्छुक लोग एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट्स के गुरुवार को लगातार दूसरे दिन कैंसिल होने के कारण बेहद आक्रोश में देखा गया। तिरुवनंतपुरम, कोच्चि और कन्नूर हवाई अड्डों पर यात्रियों को उस समय निराशा हुई जब खाड़ी देशों के लिए उड़ानें लगातार दूसरे दिन एकदम अंत समय में कैंसिल कर दी गईं। अचानक फ्लाइट कैंसिल होने से लोगों में काफी गुस्सा है और उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

एअर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने की थी ये शिकायतें

  • एअर इंडिया के अधिग्रहण के कुछ दिन बाद ही कई कर्मचारियों को उनका बेहतरीन रिकॉर्ड होने के बावजूद नौकरी से निकाल दिया गया. जबकि अधिग्रहण के वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया था कि 2 साल तक किसी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा.
  • टाटा कोड ऑफ कंडक्ट में व्हिसिल ब्लोअर के कॉन्सेप्ट का जिक्र है, लेकिन ये बहुत हद तक एकतरफा है. ये बॉस की तरफ से कर्मचारियों की तरफ चलता है, लेकिन जब भी कोई डिपार्टमेंट या कर्मचारी अपनी तरफ से ये बात उठाना चाहता है, तो उसे टाउनहॉल मीटिंग में चुप करा दिया जाता है. इतना ही नहीं सैलरी, अनुभव और मेरिट के आधार पर कर्मचारियों के बीच असमानता का व्यवहार किया जाता है.
  • एअर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों का हायर रैंक के लिए इंटरव्यू क्लियर करने के बाद उन्हें लोअर ग्रेड जॉब दी गईं. कुछ शॉर्टलिस्ट किए गए लोगों को हटा दिया गया, जबकि बाहर से कम अनुभव पर लाए गए कर्मचारियों को हायर रैंक दी गई. ये एक तरह का भाई-भतीजावाद है.
  • टाटा कोड ऑफ कंडक्ट में पारदर्शिता की कमी को लेकर भी कर्मचारी यूनियन ने अपनी चिंताएं रखी हैं. उनका कहना है कि एयरएशिया इंडिया के एम्प्लॉइज को जहां परमानेंट पे-रोल पर रखा गया है, वहीं एअर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया है.
  • कर्मचारियों ने हाउस रेंट अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस, डीयरनेस (महंगाई) अलाउंस जैसे जरूरी भत्तों को लेकर भी शिकायत दर्ज की है, जो उन्हें एयरएशिया इंडिया के साथ मर्जर होने से पहले मिलते थे. अब उन्हें हटा दिया गया है, जिससे उनकी सैलरी बहुत कम हो गई है.
  • एयरलाइंस को चलाने के मानक तौर तरीकों (एसओपी) में कर्मचारियों के वर्षों के अनुभव, उनकी सीनियरटी और क्षमताओं की अनदेखी की जा रही है.
  • एयरलाइंस एक तरह के मिस-मैनेजमेंट से गुजर रही है, जिसका असर ना सिर्फ कर्मचारियों के काम पर हो रहा है. बल्कि कस्टमर एक्सपीरियंस और कंपनी के परफॉर्मेंस पर भी पड़ रहा है.
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