देश: 40% भारतीयों की जीवन प्रत्याशा को 9 साल कम कर सकता है वायु प्रदूषण: अमेरिकी अध्ययन

देश - 40% भारतीयों की जीवन प्रत्याशा को 9 साल कम कर सकता है वायु प्रदूषण: अमेरिकी अध्ययन
| Updated on: 02-Sep-2021 11:34 AM IST
नई दिल्ली: भारत में वायु प्रदूषण के स्तर में समय के साथ अलग-अलग राज्यों में बढ़ रहा है। महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश में यह स्तर इतना बढ़ गया है कि औसतन एक व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा में 2.5 से 2.9 वर्ष तक की अतिरिक्त गिरावट आ रही है। अगर प्रदूषण को लेकर हम सजग नहीं हुए तो जीवन प्रत्याशा में नौ साल तक की कमी हो सकती है। एक नयी रिपोर्ट में प्रदूषण के परिणाम को लेकर आगाह किया गया है। शिकागो विश्वविद्यालय के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (AQLI) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश है।

48 करोड़ से अधिक लोग हो रहे सबसे अधिक प्रभावित

रिपोर्ट के अनुसार भारत में 48 करोड़ से अधिक लोग या देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी उत्तर में गंगा के मैदानी क्षेत्रों में रहती है। यहां प्रदूषण का स्तर नियमित रूप से दुनिया में कहीं और पाए जाने वाले स्तर से अधिक है। विश्वविद्यालय के ‘एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट’ के अध्ययन से पता चलता है कि अगर कोई व्यक्ति स्वच्छ हवा में सांस लेता है तो वह कितने समय तक जीवित रह सकता है।

WHO स्टैंडर्ड से 7 गुना अधिक प्रदूषण

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि 2019 का प्रदूषण स्तर बना रहता है तो उत्तर भारत के निवासी जीवन प्रत्याशा के नौ साल से अधिक खोने की राह पर हैं क्योंकि यह क्षेत्र दुनिया में वायु प्रदूषण के सबसे चरम स्तर का सामना करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारत का औसत ‘पार्टिकुलेट मैटर कंसंट्रेशन’ (हवा में प्रदूषणकारी सूक्ष्म कण की मौजूदगी) 70.3 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जो दुनिया में सबसे अधिक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के दिशानिर्देश से सात गुना ज्यादा है।

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अधिक बढ़ा प्रदूषण का स्तर

रिपोर्ट के मुताबिक भारत के वायु प्रदूषण के उच्च स्तर का समय के साथ खतरनाक रूप से भौगोलिक तौर पर विस्तार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘कुछ दशक पहले की तुलना में, सूक्ष्म कणों का प्रदूषण अब केवल भारत के गंगा के मैदानी क्षेत्रों की विशेषता नहीं है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्यों में प्रदूषण काफी बढ़ गया है। उदाहरण के लिए उन राज्यों में औसत व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा में अब 2000 की शुरुआत के सापेक्ष अतिरिक्त 2.5 से 2.9 वर्ष की गिरावट आई है।’

...तो बढ़ जाएगी 5 साल जिंदगी

बांग्लादेश, भारत, नेपाल और पाकिस्तान के लिए, एक्यूएलआई के आंकड़ों से पता चलता है कि अगर डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रदूषण कम किया जाता है तो औसतन व्यक्ति 5.6 साल अधिक जीवित रहेगा। बांग्लादेश, भारत, नेपाल और पाकिस्तान की जनसंख्या वैश्विक आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा है और यह लगातार दुनिया के शीर्ष पांच सबसे प्रदूषित देशों में शुमार है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल अवशेष जलाने, ईंट भट्ठों और अन्य औद्योगिक गतिविधियों ने भी इस क्षेत्र में प्रदूषणकारी सूक्ष्म कणों को बढ़ाने में योगदान दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है ऐसे सूक्ष्म कण से होने वाला प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।