Pahalgam Terror Attack: गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में किए गए ऑपरेशन महादेव पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या की गई, जहां आतंकवादियों ने धर्म पूछकर लोगों को उनके परिवारों के सामने मार डाला। शाह ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन महादेव में भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार तीन आतंकवादी—सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान—को मार गिराया गया। ये तीनों लश्कर-ए-तैयबा के ए-श्रेणी के आतंकवादी थे। शाह ने कहा कि इन आतंकवादियों की पहचान हिरासत में लिए गए लोगों और बरामद कारतूसों से हुई, जिससे पुष्टि हुई कि ये वही आतंकवादी थे जिन्होंने पहलगाम में हमला किया था।
अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक में सुरक्षाबलों को पूरी ऑपरेशनल आजादी दी गई थी। 7 मई को शुरू हुए इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। शाह ने स्पष्ट किया कि इस हमले में कोई पाकिस्तानी नागरिक नहीं मारा गया। ऑपरेशन के बाद, भारतीय DGMO ने पाकिस्तानी DGMO को सूचित किया कि भारत ने आत्मरक्षा के अधिकार के तहत यह कार्रवाई की।
शाह ने कहा, "यह मनमोहन सिंह की सरकार जैसा नहीं है, जहां आतंकवादी हमला करते थे और हम चुपचाप बैठकर डोजियर भेजते थे। ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। 9 मई को पाकिस्तान के 11 हवाई ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें 8 ठिकानों पर सटीक हमले ने उनकी वायु रक्षा प्रणाली को हिला दिया।"
गृह मंत्री ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि पहलगाम हमले के आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे। शाह ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा, "हमारे पास सबूत हैं कि ये तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी थे। उनके पास से बरामद चॉकलेट तक पाकिस्तान में बनी थीं। चिदंबरम किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान को क्लीन चिट देकर उन्हें क्या मिलेगा?"
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि पहलगाम हमले के दोषियों के मारे जाने की खबर पर विपक्ष खुश होगा, लेकिन ऐसा लगता है कि वे इससे नाखुश हैं।
शाह ने कहा कि PoK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) का मुद्दा आज केवल जवाहरलाल नेहरू की गलतियों की वजह से मौजूद है। उन्होंने 1960 में सिंधु नदी का 80% पानी पाकिस्तान को देने और 1971 के शिमला समझौते में PoK को वापस लेने की मांग न करने की आलोचना की। उन्होंने कहा, "अगर उस समय PoK ले लिया गया होता, तो हमें आज वहां आतंकी ठिकानों पर हमले नहीं करने पड़ते।"
पहलगाम हमले के बाद शाह ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी। उन्होंने एक दर्दनाक घटना का जिक्र करते हुए कहा, "मैंने एक ऐसी महिला को देखा जो शादी के 6 दिन बाद ही विधवा हो गई थी। मैं उस दृश्य को कभी नहीं भूल सकता।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने उन आतंकवादियों को मार गिराया, जिन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या की थी।