India-US Tariff War: नहीं बाज आ रहा है अमेरिका, फिर भारत को रूसी तेल पर दे डाली धमकी

India-US Tariff War - नहीं बाज आ रहा है अमेरिका, फिर भारत को रूसी तेल पर दे डाली धमकी
| Updated on: 18-Aug-2025 06:00 PM IST

India-US Tariff War: अलास्का में हाल ही में हुई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बावजूद अमेरिका का भारत के प्रति रुख नरम नहीं पड़ा है। एक बार फिर व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने भारत को रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर धमकी दी है। नवारो ने फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा कि भारत को रूसी तेल की खरीद तत्काल बंद करनी होगी, क्योंकि यह यूक्रेन में मास्को के युद्ध को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।

भारत पर अमेरिकी दबाव और टैरिफ की मार

नवारो ने भारत के रूस और चीन के साथ बढ़ती निकटता पर भी चिंता जताई। उन्होंने लिखा कि यदि भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बनना चाहता है, तो उसे वैसा व्यवहार करना होगा। इस महीने की शुरुआत में ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, जिससे भारत से आयात पर कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया। यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के जवाब में उठाया गया।

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस दबाव को अनुचित बताते हुए कहा कि भारत को रूसी तेल खरीदने के लिए निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन रूस से सामान खरीदना जारी रखे हुए हैं। मंत्रालय ने पश्चिमी देशों के दोहरे मापदंडों की भी आलोचना की।

भारत: रूसी तेल का वैश्विक क्लियरिंग हाउस?

नवारो ने भारत को रूसी तेल के लिए एक "ग्लोबल क्लियरिंग हाउस" करार दिया, जो प्रतिबंधित कच्चे तेल को उच्च मूल्य वाले ईंधन में परिवर्तित करता है और मास्को को आवश्यक अमेरिकी डॉलर प्रदान करता है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भारत को उन्नत अमेरिकी सैन्य तकनीक हस्तांतरित करना जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि नई दिल्ली अब रूस और चीन दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध बना रहा है।

भारत-चीन संबंध और रणनीतिक गतिशीलता

नवारो की टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब भारत और चीन अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं। साथ ही, चीनी विदेश मंत्री वांग यी सीमा विवाद पर चर्चा के लिए 18 अगस्त से भारत की यात्रा पर हैं। इस बीच, अमेरिकी ट्रेड वार्ताकारों की 25-29 अगस्त को प्रस्तावित नई दिल्ली यात्रा रद्द होने से व्यापार समझौते पर बातचीत में देरी हो रही है। इससे भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त अमेरिकी शुल्क से राहत की उम्मीदें भी कम हो गई हैं।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता

भारत ने हमेशा अपनी ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है। रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत का रुख स्पष्ट है कि वह अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विविध स्रोतों पर निर्भर रहेगा। पत्रकार मिशेल जैमरिस्को ने भी इस बात की सराहना की थी कि भारत ने अमेरिकी दबाव के बावजूद रूसी तेल खरीदने का फैसला अपनी ऊर्जा सुरक्षा और लोगों के हित में लिया।

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