US Offer India: अमेरिका ने भारत के लिए उठाया ये कदम, टेंशन में आ गया चीन

US Offer India - अमेरिका ने भारत के लिए उठाया ये कदम, टेंशन में आ गया चीन
| Updated on: 03-Jun-2023 10:26 PM IST
US Offer India: अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती धमक से चीन की पेशानी पर बल आ गए हैं. अमेरिका और भारत की बढ़ती दोस्ती ने बीजिंग को नई टेंशन दे दी है. रक्षा सहयोग के मामले में अमेरिका ने भारत को एक ऑफर दिया है. हालांकि भारत ने अभी इसे स्वीकार करने या नहीं करने पर कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन अभी से ही चीन की नींद उड़ गई है. दरअसल अमेरिका चाहता है कि भारत ‘नाटो प्लस’ (NATO Plus) से जुड़ जाए. इसका मतलब यह हुआ कि अगर भारत इस समूह से जुड़ता है तो जंग की स्थिति में अमेरिका और अन्य यूरोपीय देश, जो इसके सदस्य हैं, मदद के लिए आगे आएंगे. 22 जून को पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले अमेरिकी राजदूत एरिक ग्रासेटी ने इस प्रस्ताव पर कहा, ‘Anything on the Table’ यानी कुछ भी हो सकता है.

चीन को सता रहा डर

चीन बार-बार ताइवान को आंख दिखाने में लगा रहता है. अमेरिका ने ताइवान की सुरक्षा करने को अपना कर्तव्य बताया है. चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए अमेरिका ने हाल ही में यूएस हाउस कमेटी में नाटो प्लस का प्रस्ताव पास किया है. अगर भारत नाटो प्लस में शामिल होता है, तो उसे एशिया में एक मजबूत साथी मिल जाएगा और वह ज्यादा बेहतर रणनीति बना पाएगा.

चीन ने अपनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में इसी ‘डर’ को जाहिर किया है. उसने कहा है कि अगर भारत नाटो प्लस की तरफ झुकता है, तो इससे नई दिल्ली की स्वायत्तता, अंतरराष्ट्रीय स्टेटस और पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्ते को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचेगा.

‘रूस जैसी स्थिति पैदा करना चाहता है अमेरिका’

ग्लोबल टाइम्स ने एक विशेषज्ञ के हवाले से कहा कि दरअसल अमेरिका की असली चाल कुछ और है. अमेरिका एशिया-पेसिफिक क्षेत्र में रूस जैसा मॉडल लागू करना चाहता है. भारत भी अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए अमेरिका और नाटो के ढांचे का इस्तेमाल करना चाहता है.

भारत को सीधे ‘धमकी’

चीन ने भारत को अप्रत्यक्ष तौर पर धमकी भी दी है. चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि भविष्य में नाटो के साथ भारत के सहयोग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन अगर ऐसा होता है तो इसका मतलब होगा कि अमेरिका सीधे भारत को चीन से टक्कर लेने की ओर धकेल देगा. भारत को रूस के साथ भी अपने दीर्घकालीन संबंध अच्छे बनाकर रखने चाहिए और अमेरिका से दूरी बनाना ही उसके लिए अच्छा होगा.

क्या है नाटो प्लस

नाटो प्लस में अमेरिका के अलावा पांच देश हैं. इस ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, इजरायल और दक्षिण कोरिया भी हैं. अमेरिका के साथ रक्षा समझौते के मुताबिक युद्ध की स्थिति में सभी देश एक-दूसरे की मदद के लिए साथ आएंगे.

भारत के लिए फायदा भी नुकसान भी

अगर भारत इस ग्रुप से जुड़ता है तो सबसे बड़ा फायदा यही होगा कि चीन की बेकाबू चाल पर लगाम लग जाएगी. चीन लगातार सीमा पर घुसपैठ की कोशिश कर रहा है और पड़ोसी मुल्कों के जरिए घेरने की कोशिश कर रहा है. हालांकि भारत ने अभी तक किसी गुट में शामिल नहीं होने की रणनीति ही अपनाई है. दूसरे भारत अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है. इस ग्रुप के साथ जुड़ने के बाद उसे भी दूसरे देशों के झगड़े में शामिल होना पड़ेगा.

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