Share Market News: बाजार की रिकॉर्ड तेजी में अनिल अंबानी ने मारी बाजी, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज पीछे
Share Market News - बाजार की रिकॉर्ड तेजी में अनिल अंबानी ने मारी बाजी, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज पीछे
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को एक अभूतपूर्व तेजी दर्ज की गई, जिसने निवेशकों में उत्साह भर दिया। इस रिकॉर्ड-तोड़ उछाल के बीच, देश के दो प्रमुख उद्योगपतियों, मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयर प्रदर्शन पर सबकी निगाहें टिकी रहीं। दिलचस्प बात यह रही कि शुरुआती कारोबार में अनिल अंबानी की कंपनियों ने अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की प्रमुख कंपनी को पीछे छोड़ दिया, जो बाजार के मौजूदा रुझानों में एक अप्रत्याशित मोड़ को दर्शाता है।
बाजार में रिकॉर्ड तेजी का माहौल
गुरुवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक रहा, जब प्रमुख सूचकांकों ने नए कीर्तिमान स्थापित किए। निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो बाजार की मजबूत स्थिति और निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। इसी तरह, सेंसेक्स ने भी 86,000 के आंकड़े को पार कर एक नया मील का पत्थर स्थापित किया, हालांकि खबर लिखे जाने तक इसमें थोड़ी गिरावट दर्ज की गई थी और सुबह 11 बजकर 40 मिनट तक, सेंसेक्स लगभग 275 अंकों की तेजी के साथ 85,883. 76 पर कारोबार कर रहा था, जो बाजार में व्यापक सकारात्मकता का संकेत है। यह तेजी न केवल बड़े निवेशकों बल्कि खुदरा निवेशकों के लिए भी आशा का। संचार कर रही है, जो बाजार की इस रैली का हिस्सा बनने को उत्सुक हैं।अनिल अंबानी की कंपनियों का शानदार प्रदर्शन
इस तूफानी तेजी के माहौल में, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। रिलायंस पावर के शेयरों में खबर लिखे जाने तक 2. 68 फीसदी की शानदार तेजी देखी गई, जिससे इसका शेयर मूल्य 40. 54 रुपये पर पहुंच गया और यह 1. 06 रुपये की बढ़त निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत। है, जो कंपनी के भविष्य के प्रति आशावादी दिख रहे हैं। इसके अतिरिक्त, अनिल अंबानी की एक और प्रमुख कंपनी, रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में भी बाजार की इस रैली में जोरदार उछाल आया। कंपनी के स्टॉक लगभग 5 फीसदी की प्रभावशाली तेजी के साथ 165. 85 रुपये पर कारोबार कर रहे थे और यह प्रदर्शन दर्शाता है कि कुछ विशेष क्षेत्रों और कंपनियों में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है, खासकर जब बाजार में व्यापक तेजी का माहौल हो।मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रदर्शन
जहां एक ओर अनिल अंबानी की कंपनियों ने हरे निशान में कारोबार किया, वहीं दूसरी ओर मुकेश अंबानी की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की गई और खबर लिखे जाने तक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 0. 31 फीसदी की मामूली गिरावट देखी गई, और यह 1,565. 00 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। यह स्थिति बाजार की अप्रत्याशित प्रकृति को दर्शाती है, जहां एक ही परिवार के सदस्यों की कंपनियों का प्रदर्शन अलग-अलग हो सकता है, भले ही बाजार में समग्र रूप से तेजी हो। यह गिरावट निवेशकों के लिए एक चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन यह बाजार की सामान्य उतार-चढ़ाव का भी हिस्सा है।बाजार की तेजी के प्रमुख कारण
भारतीय शेयर बाजार में इस रिकॉर्ड तेजी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक जिम्मेदार हैं, जो घरेलू और वैश्विक दोनों स्तरों पर सकारात्मक माहौल बना रहे हैं। इन कारकों ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया है और उन्हें बाजार में अधिक पूंजी लगाने के लिए प्रेरित किया है।ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
बाजार की तेजी का एक प्रमुख कारण अमेरिका के फेडरल रिजर्व और भारत के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। ब्याज दरों में कटौती से कंपनियों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो जाता है, जिससे उनके निवेश और विस्तार की संभावनाएं बढ़ती हैं। यह उपभोक्ताओं के लिए भी खर्च करने की क्षमता बढ़ाता है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। इस तरह की उम्मीदें आमतौर पर इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक मानी जाती हैं, क्योंकि यह भविष्य में बेहतर कॉर्पोरेट आय और आर्थिक विकास का संकेत देती हैं। निवेशकों को लगता है कि कम ब्याज दरें कंपनियों के मुनाफे को बढ़ाएंगी, जिससे उनके शेयरों का मूल्य बढ़ेगा।विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की खरीदारी
बाजार की तेजी में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की सक्रिय भूमिका भी देखी जा रही है और बड़ी कंपनियों के शेयर सस्ते होने और भविष्य में कमाई बढ़ने की उम्मीद के चलते विदेशी निवेशक एक बार फिर भारतीय बाजार में खरीदारी कर रहे हैं। 26 नवंबर को FIIs ने लगभग 4,778 करोड़ रुपये के शेयर। खरीदे, जो भारतीय इक्विटी में उनके बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। FIIs की यह खरीदारी बाजार को महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करती है और अन्य निवेशकों को भी बाजार में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे समग्र बाजार की तरलता और गति बढ़ती है। उनकी यह वापसी भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद और विकास की संभावनाओं में उनके विश्वास को भी उजागर करती है।रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने की संभावना
वैश्विक स्तर पर, रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में बातचीत की संभावनाओं ने भी बाजार की भावनाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। अमेरिकी दूत स्टिव विटकॉफ अगले हफ्ते मॉस्को जाकर वार्ता करेंगे, जिससे वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव कम होने की उम्मीद है। युद्ध की समाप्ति या तनाव में कमी से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार हो सकता है, ऊर्जा की कीमतें स्थिर हो सकती हैं और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है। इस तरह की खबरें निवेशकों के बीच अनिश्चितता को कम करती हैं और उन्हें अधिक जोखिम लेने के लिए प्रेरित करती हैं, जिससे इक्विटी बाजारों को समर्थन मिलता है। यह वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जिसका असर दुनिया भर के वित्तीय बाजारों पर देखा जा रहा है।