राजस्थान: जयपुर पहुंचते ही सचिन पायलट बोले- किसका इस्तेमाल कहां करना है, कमेटी तय करेगी

राजस्थान - जयपुर पहुंचते ही सचिन पायलट बोले- किसका इस्तेमाल कहां करना है, कमेटी तय करेगी
| Updated on: 20-Aug-2020 09:14 AM IST
जयपुर। सियासी संकट (Political Crisis) निपटने के बाद एक बार फिर से पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बयान से प्रदेश का सियासी पारा गरमा गया है। बुधवार को पायलट के दिल्ली से जयपुर पहुंचते ही अशोक गहलोत गुट (Ashok Gehlot Camp) की धड़कनें बढ़ गईं। पायलट ने कहा कि किसका कहां इस्तेमाल करना है, यह पार्टी की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी तय करेगी। उन्होंने कहा कि कौन सरकार में रहेगा और कौन संगठन में इस पर अंतिम फैसला पार्टी ही करेगी।

पायलट से जब पूछा गया कि मंत्रिमंडल और संगठन से हटाए गए उनके समर्थकों का क्या होगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि इस पर भी फैसला कमेटी करेगी। कमेटी के सामने सभी मुद्दे रखे जाएंगे। पायलट ने संकेत दिया कि राजस्थान के सत्ता-संगठन से जु़ड़े बड़े राजनीतिक फैसले अब कमेटी करेगी। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गहलोत-पायलट विवाद सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के नवनियुक्त प्रभारी अजय माकन शामिल हैं।

कमेटी अगले सप्ताह राजस्थान का दौरा कर सकती है

तीन सदस्यीय कमेटी अगले सप्ताह राजस्थान का दौरा कर सकती है। यह कमेटी गहलोत-पायलट गुट के नेताओं से बातचीत करेगी और फिर सोनिया गांधी को रिपोर्ट देगी। माना जा रहा है कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। कमेटी की रिपोर्ट से ही यह तय होगा कि गहलोत मंत्रिमंडल में किस गुट के कितने मंत्री रहेंगे। संगठन में दोनों गुटों में से किसको कितने पद मिलेंगे। सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों पर भी फैसला कमेटी की सिफारिश के आधार पर ही होगा। इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किल बढ़ सकती है। अब तक गहलोत को फ्री हैंड था, लेकिन अब सरकार और संगठन दोनों में गहलोत को पायलट की भागीदारी स्वीकार करनी पड़ सकती है।

पायलट अपने गुट से 5 मंत्री बनाने का दावा कर सकते हैं

सचिन पायलट की मांग पर ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। गहलोत मंत्रिमंडल में फिहहाल 8 मंत्री पद खाली हैं। पायलट इनमें से पांच मंत्री अपने गुट के बनाने का दावा कर सकते हैं। दो पुराने हटाए गए मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को फिर से मंत्री बनाने की मांग और तीन नए मंत्री। इनमें दो कैबिनेट मंत्री पायलट गुट के हो सकते हैं। कमेटी के सामने पायलट अपने गुट से उप मुख्यमंत्री बनाने की भी मांग कर सकते हैं। इससे पहले पायलट खुद उप मुख्यमंत्री रहे हैं। इसी तरह संगठन में पायलट अपने गुट की बराबरी की भागीदारी की मांग कर सकते हैं।

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