जयपुर। विधानसभा (Assembly) में शुक्रवार को विनियोग और वित्त विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कई घोषणाएं करने के साथ कई बार तंज (Political taunts) भी कसे। गहलोत की ये राजनीतिक टिप्पणियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। गहलोत ने सदन में कहा कि यह वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की नहीं है, अशोक गहलोत की सरकार है।
बीजेपी राज में हमें बुलाते तक नहीं थेसीएम गहलोत ने कहा कि हम बीजेपी राज के काम बंद नहीं करते। बीजेपी राज में हमें बुलाते तक नहीं थे। सरकारी कार्यक्रम में प्रतिपक्ष का एमएलए आकर बैठे तो हमें खुशी होती है। लेकिन बीजेपी राज में ऐसे हालात बना दिए गए थे कि हमारा विधायक जा ही नहीं सके। हमारी सरकार में किसी प्रोग्राम में विपक्ष का विधायक आएगा तो पूरा मान सम्मान मिलेगा। सीएम ने कहा हर पार्टी के जनप्रतिनिधियों का सम्मान होगा। अगर जनप्रतिनिधियों को मान सम्मान नहीं मिले तो वह हमें बताएं, हम कार्रवाई करेंगे।
बीजेपी राज में वित्तीय अनुशासनहीनता बरती गईसीएम गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आपने पूर्व सीएम की तारीफ करते हुए कहा कि वे कभी पैसे की कमी की बात नहीं करती थी। वे पैसा कहां से लाती थी, वह मैं बता रहा हूं। 2014-15 में केंद्र से राज्य को मिलने वाले पैसे में बढ़ोतरी हुई। कंसोलिडेटेड फंड में सीधा पैसा राज्य को दिया गया। सीएम ने कहा कि बीजेपी राज में वित्तीय अनुशासनहीनता बरती गई। पूरे पांच साल रेवेन्यू डेफिसिट ही रखा गया।
राज्य हित के मुद्दों पर विपक्ष साथ देसीएम ने कहा कि विपक्ष साथ बैठे। साथ दिल्ली चले और राज्य के कॉमन मुद्दों पर केंद्र के साथ बात करें। रिफाइनरी का मुद्दा अहम है। बिना केंद्र और एचपीसीएल की मदद के रिफाइनरी बन नहीं सकती। केंद्र में लंबित बड़ी परियोजनाओं पर राज्य की मदद करें। नेता प्रतिपक्ष का केंद्र में रुतबा है। क्योंकि आपने आरएसएस में जिंदगी खपाई है। आप अपने रुतबे का इस्तेमाल राज्य के हित में करें।