Gyanvapi Survey: 1 महीने में ASI को देनी होगी ज्ञानवापी पर रिपोर्ट, SC के फैसले के बाद नई डेडलाइन

Gyanvapi Survey - 1 महीने में ASI को देनी होगी ज्ञानवापी पर रिपोर्ट, SC के फैसले के बाद नई डेडलाइन
| Updated on: 04-Aug-2023 07:27 PM IST
Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी में ASI का सर्वे जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ये आदेश दिया. मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे से सच सामने आएगा. कोर्ट के आदेश के बाद सवाल उठता है कि परिसर में ASI का सर्वे कब जारी रहेगा. पहले ASI को चार अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट को जमा करना था. मगर आज जब चार अगस्त के दिन सर्वे फिर से शुरू हुआ है तो वाराणसी की अदालत ने नई डेडलाइन ASI को दी है. वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई को अपना सर्वे कर रिपोर्ट देने का एक महीने का समय दिया है.

जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने एएसआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया. सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहे हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि अब सर्वे कार्य पूरा करने की समय सीमा चार सितंबर तक बढ़ा दी गई है. पिछले आदेश के मुताबिक, सर्वे चार अगस्त को पूरा करना था. ASI ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के मद्देनजर 24 जुलाई को सर्वे का काम रोक दिया था. ASI ने उच्च न्यायालय द्वारा तीन अगस्त को हरी झंडी मिलने के बाद शुक्रवार सुबह सर्वे कार्य फिर से शुरू किया.

सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की जीत

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिसमें एएसआई को ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की अनुमति दी गई थी. सर्वे यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है.

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ASI को सर्वे के दौरान किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई से मना कर दिया. पीठ ने ASI और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों का संज्ञान लिया कि सर्वे के दौरान कोई खुदाई नहीं की जाएगी और न ही संरचना को कोई नुकसान पहुंचाया जाएगा.

आदेश में कहा गया है कि ASI की रिपोर्ट निचली अदालत को भेजी जाएगी और उस पर फैसला जिला न्यायाधीश द्वारा लिया जाएगा. बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत ने 21 जुलाई को एएसआई को यह निर्धारित करने के लिए सर्वे का निर्देश दिया था कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर पर बनाई गई थी. इस फैसले को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन इसने गुरुवार को याचिका खारिज कर दी थी. उसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.

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