Axiom-4 Mission: Axiom-4 के लॉन्च की तारीख टली, ISRO ने बताया क्यों लेना पड़ा ये फैसला

Axiom-4 Mission - Axiom-4 के लॉन्च की तारीख टली, ISRO ने बताया क्यों लेना पड़ा ये फैसला
| Updated on: 09-Jun-2025 10:20 PM IST

Axiom-4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए ऐतिहासिक पल कुछ और दिनों की दूरी पर खड़ा है। भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होने वाला Axiom-4 मिशन एक बार फिर टल गया है। अब यह बहुप्रतीक्षित मिशन 10 जून की बजाय 11 जून 2025 को लॉन्च होगा। ISRO ने इस बदलाव की वजह खराब मौसम को बताया है।

ISRO ने दी नई तारीख

ISRO चेयरमैन वी. नारायणन ने सोमवार शाम जानकारी दी कि फ्लोरिडा में मौसम की अनिश्चितता के कारण लॉन्च को 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया है। अब यह मिशन 11 जून की शाम 5:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिका के Kennedy Space Centre से SpaceX के Falcon-9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा।

यह पहला मौका नहीं है जब मिशन की तारीख बदली गई हो। इससे पहले यह मिशन 29 मई को लॉन्च होना था, लेकिन तकनीकी और मौसम संबंधी कारणों से इसे पहले 10 जून और अब 11 जून कर दिया गया है।

क्यों खास है यह मिशन?

Axiom-4 मिशन भारत के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक है। शुभांशु शुक्ला, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मे हैं, इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। उनका कॉल साइन "Shuks" रखा गया है। वह 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय हैं। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के Soyuz यान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक

Axiom-4 मिशन ISRO और NASA के संयुक्त सहयोग से Axiom Space द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसमें शामिल चारों अंतरिक्ष यात्री अलग-अलग देशों से हैं:

  • कमांडर: पेगी व्हिटसन (अमेरिका)

  • पायलट: शुभांशु शुक्ला (भारत)

  • मिशन स्पेशलिस्ट: टिगोर कापू (हंगरी)

  • मिशन स्पेशलिस्ट: स्लावोश उजनांस्की-विस्निवस्की (पोलैंड)

यह मिशन विज्ञान, अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के मकसद से 14 दिन तक चलेगा।

भारत के लिए प्रतीकात्मक वापसी

Axiom-4 ना सिर्फ एक अंतरिक्ष मिशन है, बल्कि यह भारत की मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक प्रतीकात्मक वापसी का भी संकेत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब विकसित देशों की अंतरिक्ष रेस में न सिर्फ भागीदार है, बल्कि एक प्रभावशाली खिलाड़ी भी बन चुका है।

देरी से उत्साह पर असर नहीं

हालांकि मिशन की देरी से थोड़ा उत्साह मंद पड़ा है, लेकिन सुरक्षित और सफल प्रक्षेपण के लिए मौसम की भूमिका अहम है। भारतीय नागरिक इस मिशन को लेकर बेहद उत्साहित हैं और 11 जून की शाम को होने वाली ऐतिहासिक उड़ान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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