Bangladesh Rivers: BAN का सूख जाएगा गला! सामने आई सरकार की आंखें खोलने वाली रिपोर्ट

Bangladesh Rivers - BAN का सूख जाएगा गला! सामने आई सरकार की आंखें खोलने वाली रिपोर्ट
| Updated on: 20-Mar-2025 05:00 PM IST

Bangladesh Rivers: बांग्लादेश में जल संकट एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, जहां हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, कम से कम 79 नदियां या तो पूरी तरह से सूख चुकी हैं या सूखने के कगार पर हैं। यह अध्ययन रिवर और डेल्टा रिसर्च सेंटर (आरडीआरसी) द्वारा जनवरी 2023 से दिसंबर 2024 तक सरकारी आंकड़ों, शैक्षणिक पत्रों और समाचार रिपोर्टों के आधार पर किया गया।

मुख्य निष्कर्ष

इस अध्ययन के अनुसार, बांग्लादेश में बहने वाली 1,156 नदियों में से 79 नदियां भारी मात्रा में गाद से भरी हुई हैं और सूखने की स्थिति में हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, इन नदियों का जल प्रवाह तेजी से कम हो रहा है, जिससे न केवल कृषि और मत्स्य पालन प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि लाखों लोगों की आजीविका भी खतरे में पड़ गई है।

नदियों के सूखने के कारण

  1. अतिक्रमण और शहरीकरण: तेजी से बढ़ते शहरीकरण और अवैध अतिक्रमण के कारण नदियों के जल प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो रही है। विशेष रूप से खुलना, सतखीरा, राजशाही और कुश्तिया क्षेत्रों में यह समस्या अधिक गंभीर है।

  2. बांध और जल संरचनाएं: विभिन्न बांधों और जल संरचनाओं के निर्माण ने नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे जल उपलब्धता प्रभावित हुई है।

  3. पर्यावरणीय परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन और अनियमित वर्षा भी नदियों के जल स्तर को कम कर रही है।

  4. मानवीय गतिविधियां: अंधाधुंध बालू खनन और औद्योगिक कचरे का नदी में गिरना भी नदियों के सूखने के मुख्य कारणों में से एक है।

प्रभावित क्षेत्रों की सूची

अध्ययन में यह पाया गया कि सूखने वाली 79 नदियों में से:

  • 25 नदियां खुलना डिवीजन में

  • 19 राजशाही में

  • 14 रंगपुर में

  • 6 चटगांव में

  • 5 मैमनसिंह में

  • 4 ढाका में

  • 3-3 बरिशाल और सिलहट डिवीजन में स्थित हैं।

नदियों के सूखने का प्रभाव

  • कृषि संकट: खेतों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है, जिससे फसल उत्पादन में भारी गिरावट आ रही है।

  • मत्स्य उद्योग पर प्रभाव: मछली पकड़ने वाले समुदायों के लिए जीवनयापन कठिन हो गया है।

  • परिवहन बाधित: कई नदियों में जल स्तर कम होने के कारण नाव परिवहन प्रभावित हो रहा है।

  • पर्यावरणीय असंतुलन: वन्यजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

समाधान के संभावित उपाय

पर्यावरण विशेषज्ञ सईदा रिजवाना हसन के अनुसार, नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रत्येक नदी के सूखने के कारणों को समझना आवश्यक है। वर्तमान में, बांग्लादेश सरकार कुछ प्रमुख नदियों को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस संकट से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. नदी पुनर्जीवन परियोजनाओं का कार्यान्वयन

  2. अवैध अतिक्रमण हटाना और जल संरक्षण नीतियों को सख्ती से लागू करना

  3. स्थानीय समुदायों को जागरूक और शामिल करना

  4. वर्षा जल संचयन और कृत्रिम जलाशयों का निर्माण

  5. बांधों और अन्य संरचनाओं के प्रभावों का पुनर्मूल्यांकन

निष्कर्ष

बांग्लादेश में नदियों के सूखने की समस्या केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है। यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में यह संकट और भी गंभीर हो सकता है। नदियों के संरक्षण के लिए सरकार, स्थानीय समुदायों और पर्यावरणविदों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।

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