Bangladesh-China Plot: बांग्लादेश-चीन की चिकन नेक पर नजर! भारत को कमजोर समझना ऐसे पड़ेगा भारी

Bangladesh-China Plot - बांग्लादेश-चीन की चिकन नेक पर नजर! भारत को कमजोर समझना ऐसे पड़ेगा भारी
| Updated on: 01-Apr-2025 11:11 AM IST

Bangladesh-China Plot: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस द्वारा चीन को निवेश का जो ऑफर दिया गया है, वह भारत के लिए एक नई रणनीतिक चुनौती बन सकता है। खासतौर पर तब जब उनके बयान में पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र किया गया हो। यह संकेत देता है कि बांग्लादेश, चीन के साथ मिलकर भारत के 'चिकन नेक' क्षेत्र को रणनीतिक दबाव में लाने की योजना बना रहा है। यह कॉरिडोर उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का एकमात्र मार्ग है, और इस क्षेत्र में किसी भी तरह की अस्थिरता भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकती है।

भारत के लिए रणनीतिक महत्व

सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे "चिकन नेक" कहा जाता है, केवल 22 किलोमीटर चौड़ा भूभाग है, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। यह पश्चिम बंगाल में स्थित है और इसके चारों ओर नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और चीन की सीमाएँ मौजूद हैं। भारत के लिए यह इलाका केवल एक भौगोलिक संकुचित गलियारा नहीं, बल्कि एक अत्यंत संवेदनशील सुरक्षा क्षेत्र है। यही कारण है कि भारतीय सेना ने इस इलाके में सुरक्षा उपायों को लगातार मजबूत किया है।

चीन-बांग्लादेश गठजोड़ की आशंका

यूनुस की चीन के प्रति झुकाव और चीन की आक्रामक नीतियों को देखते हुए यह आशंका उठ रही है कि यह गठजोड़ भारत के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश हो सकती है। चीन पहले से ही बांग्लादेश में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत भारी निवेश कर रहा है और वहां अपनी पैठ मजबूत कर रहा है। चीन की यह रणनीति भारत को घेरने की एक कड़ी हो सकती है।

भारतीय सेना की तैयारियाँ

भारतीय सेना और वायुसेना ने इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय किए हैं।

  • त्रिशक्ति कोर की तैनाती: भारतीय सेना की 33 कोर, जिसे त्रिशक्ति कोर कहा जाता है, सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभाल रही है।

  • हवाई सुरक्षा: हासीमारा एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान तैनात किए गए हैं।

  • ब्रह्मोस मिसाइल रेजिमेंट: इस क्षेत्र में ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती भारत के सुरक्षा ढांचे को और मजबूत बनाती है।

  • S-400 और आकाश वायु रक्षा प्रणाली: भारत ने इस क्षेत्र की हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए S-400 और आकाश मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती की है।

भारत की सख्त रणनीति

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

  • हाल ही में भारतीय सेना ने इस क्षेत्र में युद्ध अभ्यास किया है।

  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने इस क्षेत्र का दौरा कर ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की।

  • भारतीय वायुसेना ने अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हुए कई नई हवाई और मिसाइल रक्षा प्रणालियों की तैनाती की है।

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