Bangladesh Election: बांग्लादेश में चुनाव घोषणा के बाद हिंसा का तांडव, निर्वाचन आयोग ने मांगी अतिरिक्त सुरक्षा

Bangladesh Election - बांग्लादेश में चुनाव घोषणा के बाद हिंसा का तांडव, निर्वाचन आयोग ने मांगी अतिरिक्त सुरक्षा
| Updated on: 14-Dec-2025 02:27 PM IST
बांग्लादेश में आगामी संसदीय चुनावों की घोषणा के बाद से। देश एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गया है। गत बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग द्वारा 12 फरवरी को मतदान की तारीख के ऐलान के ठीक अगले दिन से ही पूरे देश में अशांति और हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है और इस ताजा हिंसा ने बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक बार फिर अस्थिरता ला दी है, जिससे आम जनता और प्रशासन दोनों में चिंता का माहौल है।

चुनाव घोषणा के बाद हिंसा का नया दौर

निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि आगामी संसदीय चुनाव अगले साल 12 फरवरी को होंगे। इस घोषणा के एक दिन बाद ही राजधानी ढाका में एक भयावह घटना। सामने आई, जब एक संसदीय उम्मीदवार शरीफ उस्मान हादी को गोली मार दी गई। यह हमला उस वक्त हुआ जब हादी मध्य ढाका के बिजयनगर इलाके में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहे थे और तीन अज्ञात हमलावरों ने उन्हें सिर में करीब से गोली मारी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने देश में चुनावी हिंसा के एक नए और खतरनाक दौर। की शुरुआत कर दी है, जिससे राजनीतिक माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया है। देश में बढ़ती हिंसा और विशेष रूप से चुनाव से संबंधित कार्यालयों पर हमलों। के मद्देनजर, निर्वाचन आयोग (ईसी) ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

आयोग ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को एक पत्र लिखकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी), अन्य निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) और निर्वाचन आयोग सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था करने का आग्रह किया है। यह मांग ऐसे समय में आई है जब चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद गत बृहस्पतिवार को दक्षिण-पूर्वी लक्ष्मीपुर और दक्षिण-पश्चिमी पिरोजपुर में स्थित दो निर्वाचन कार्यालयों पर अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया था और इन हमलों ने आयोग के अधिकारियों को भयभीत कर दिया है, जिससे उन्हें अपनी और अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने पड़े हैं।

अतिरिक्त सुरक्षा की विस्तृत मांग

निर्वाचन आयोग ने अपनी सुरक्षा जरूरतों को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त के लिए, आयोग ने एक अतिरिक्त सुरक्षा वाहन की मांग की है, जबकि उनके पास पहले से ही एक पुलिस सुरक्षा वाहन मौजूद था और यह मांग मौजूदा खतरे की गंभीरता को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, आयोग ने चारों निर्वाचन आयुक्तों और वरिष्ठ सचिव के लिए 24 घंटे पुलिस सुरक्षा की मांग की है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सुरक्षा बढ़ाना “अत्यंत आवश्यक” है, जो मौजूदा हालात की गंभीरता को दर्शाता है। आयोग ने अपने 10 क्षेत्रीय कार्यालयों, 64 जिला चुनाव कार्यालयों और 522 उप-जिला स्तरीय कार्यालयों में महत्वपूर्ण दस्तावेजों और चुनाव सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए भी अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि चुनाव प्रक्रिया सुचारू और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।

शरीफ उस्मान हादी पर जानलेवा हमला और उनकी पृष्ठभूमि

शरीफ उस्मान हादी, जो 12 फरवरी को होने वाले आम चुनावों में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े थे, पर हुआ हमला बेहद गंभीर है। चिकित्सकों के अनुसार, हादी की हालत बेहद गंभीर बनी हुई। है और वे जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह हमला न केवल एक उम्मीदवार पर हुआ व्यक्तिगत हमला है, बल्कि यह बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी एक हमला है और हादी की पृष्ठभूमि भी इस घटना को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है; वे पिछले साल के छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के एक प्रमुख नेता थे। इन प्रदर्शनों के बाद पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार सत्ता से बेदखल हो गई थी। उनकी यह भूमिका उन्हें राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाती है और। उन पर हुए हमले के पीछे के संभावित उद्देश्यों पर सवाल खड़े करती है।

सरकार की प्रतिक्रिया और 'ऑपरेशन डेविल हंट'

अंतरिम सरकार ने इस हिंसक घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया दी है और गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि सरकार सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और अवैध हथियारों के बढ़ते खतरे से निपटने में मदद करने के लिए ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ का दूसरा चरण शुरू करने जा रही है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने संदिग्धों की तलाश के आदेश दिए हैं और हादी के परिवार से मुलाकात कर उनके इलाज में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। यूनुस ने कहा, “पूरा देश उनके लिए प्रार्थना कर रहा है और हर कोई यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल मिले और ” यह दर्शाता है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

राजनीतिक दलों की निंदा और व्यापक प्रभाव

शरीफ उस्मान हादी पर हुए हमले की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है। गंभीर रूप से बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), साथ ही जमात-ए-इस्लामी और छात्र-नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है। इन निंदाओं से पता चलता है कि यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि बांग्लादेश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राजनीतिक स्थिरता पर एक बड़ा खतरा है। यह घटना आगामी चुनावों के लिए एक चुनौतीपूर्ण माहौल तैयार करती है और देश में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पर भारी दबाव डालती है। हिंसा का यह बढ़ता स्तर बांग्लादेश के भविष्य के लिए गंभीर चिंताएँ पैदा करता है।

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