Sheikh Hasina News: 'बांग्लादेश करेगा शेख हसीना को वापस भेजने की मांग'- मोहम्मद यूनुस का बयान

Sheikh Hasina News - 'बांग्लादेश करेगा शेख हसीना को वापस भेजने की मांग'- मोहम्मद यूनुस का बयान
| Updated on: 18-Nov-2024 11:40 AM IST
Sheikh Hasina News: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना का देश छोड़ना और भारत में अज्ञात स्थान पर रहना एक गंभीर राजनीतिक विवाद का कारण बना हुआ है। इस मुद्दे ने नया मोड़ तब लिया जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना को वापस लाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प लिया।

शेख हसीना ने क्यों छोड़ा देश?

बीते अगस्त में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शन हुए, जिनमें भारी हिंसा और सैकड़ों मौतों की खबरें सामने आईं। इस राजनीतिक अस्थिरता के बीच शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। मौजूदा समय में वह भारत में एक गुप्त स्थान पर रह रही हैं।

मोहम्मद यूनुस का बड़ा बयान

रविवार को अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोहम्मद यूनुस ने शेख हसीना के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि उनकी अंतरिम सरकार उन सभी लोगों पर मुकदमा चलाएगी, जो विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों और मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार हैं।

यूनुस ने कहा, "हम भारत से शेख हसीना को स्वदेश भेजने की मांग करेंगे। उनकी सरकार के दौरान हुए मानवाधिकार उल्लंघनों, जबरन गायब किए गए लोगों, और तानाशाही शासन के हर पहलू की जांच की जाएगी।"

अंतरराष्ट्रीय सहयोग की तलाश

यूनुस ने यह भी खुलासा किया कि उनकी सरकार ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के मुख्य प्रोसेक्यूटर करीम खान के समक्ष उठाया है। इसके अलावा, इंटरपोल से मदद मांगते हुए शेख हसीना और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए ‘रेड नोटिस’ जारी करने का अनुरोध किया गया है।

चुनाव और सत्ता हस्तांतरण पर फोकस

यूनुस ने कहा कि उनकी प्राथमिकता बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल करना और निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपना है। हालांकि, चुनावों की तारीख को लेकर उन्होंने कोई स्पष्टता नहीं दी।

भारत के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति

शेख हसीना की मौजूदगी भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा हसीना की वापसी की मांग और इंटरपोल के जरिए गिरफ्तारी के प्रयास भारत के लिए राजनीतिक दुविधा पैदा कर सकते हैं।

मानवाधिकार और न्याय की लड़ाई

मोहम्मद यूनुस ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जांच और जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने की बात कही है। यह अंतरिम सरकार की प्राथमिकता है कि देश को तानाशाही शासन के प्रभाव से बाहर निकाला जाए और लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हो।

निष्कर्ष

बांग्लादेश का यह राजनीतिक संकट अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींच रहा है। शेख हसीना की वापसी और उनके खिलाफ संभावित कार्रवाई को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों पर असर पड़ सकता है। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस स्थिति को कैसे संभालता है और बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है।

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