Team India Sponsors: BCCI फिर हुआ मालामाल, एशियन पेंट्स के साथ हुई करोड़ों की डील
Team India Sponsors - BCCI फिर हुआ मालामाल, एशियन पेंट्स के साथ हुई करोड़ों की डील
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) एक बार फिर अपनी वित्तीय शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक नई, महत्वपूर्ण साझेदारी में प्रवेश कर गया है। क्रिकेट जगत में सबसे अमीर बोर्ड के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए, बीसीसीआई ने अब एशियन पेंट्स के साथ एक बहु-करोड़ रुपये की डील पर हस्ताक्षर किए हैं और यह खबर ऐसे समय में आई है जब बोर्ड ने हाल ही में अपोलो टायर्स के साथ एक बड़ी जर्सी स्पॉन्सरशिप डील को अंतिम रूप दिया था, जिससे उसकी कमाई में पहले ही करोड़ों का इजाफा हो चुका था।
बीसीसीआई का मजबूत स्पॉन्सरशिप पोर्टफोलियो
बीसीसीआई ने एशियन पेंट्स को अपना नया आधिकारिक भागीदार बनाया है, जो बोर्ड के बढ़ते स्पॉन्सरशिप पोर्टफोलियो में एक और प्रतिष्ठित नाम जोड़ता है और इस महत्वपूर्ण डील का आधिकारिक ऐलान 25 नवंबर को सुबह 11 बजे किया जाएगा। एशियन पेंट्स अब बीसीसीआई के कई अलग-अलग पार्टनर्स की सूची में शामिल हो गया है, जिसमें कैंपा, एटमबर्ग और एसबीआई लाइफ जैसी बड़ी और स्थापित कंपनियां पहले से ही मौजूद हैं। इस साझेदारी को भी करोड़ों रुपये की डील माना जा रहा है, जो बीसीसीआई की कुल आय में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी। यह डील भारतीय क्रिकेट के लिए एक और वित्तीय मील का पत्थर साबित होगी, जिससे बोर्ड को खेल के विकास और प्रबंधन के लिए और अधिक संसाधन मिलेंगे।
बीसीसीआई को दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के रूप में जाना जाता है, और इसका श्रेय काफी हद तक इसकी मजबूत स्पॉन्सरशिप रणनीतियों को जाता है। हर साल, बोर्ड स्पॉन्सरशिप के जरिए करोड़ों रुपये कमाता है, जो इसे भारतीय क्रिकेट के बुनियादी ढांचे, खिलाड़ियों के कल्याण और खेल के प्रचार में निवेश करने में सक्षम बनाता है। मौजूदा भागीदारों से मिलने वाली आय इसका एक स्पष्ट उदाहरण है। बीसीसीआई को कैंपा से 48 करोड़ रुपये, एटमबर्ग से 41 करोड़ रुपये और एसबीआई लाइफ से 47 करोड़ रुपये मिलते हैं। एशियन पेंट्स के इस सूची में जुड़ने के बाद, बीसीसीआई की आधिकारिक पार्टनरशिप से कुल कमाई लगभग 180 करोड़ रुपये हो गई है और यह आंकड़ा बोर्ड की वित्तीय स्थिरता और बाजार में उसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है।अपोलो टायर्स के साथ महत्वपूर्ण डील
एशियन पेंट्स के साथ इस नई साझेदारी से पहले, बीसीसीआई ने सितंबर के अंत में अपोलो टायर्स के साथ एक बड़ी जर्सी स्पॉन्सरशिप डील पर हस्ताक्षर किए थे और यह डील तब हुई जब ऑनलाइन गेमिंग बिल आने के बाद ड्रीम11 ने टीम इंडिया के जर्सी स्पॉन्सर से अपना नाम वापस ले लिया था। ड्रीम11 के हटने के कारण, भारतीय टीम एशिया कप में बिना किसी जर्सी स्पॉन्सरशिप के खेलती हुई नजर आई थी, जो एक असामान्य स्थिति थी। अपोलो टायर्स के साथ यह कॉन्ट्रैक्ट 3 साल का है और यह डील कुल 579 करोड़ रुपये की है, जो भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय बढ़ावा है। अपोलो टायर्स अब टीम इंडिया का जर्सी स्पॉन्सर है और वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज से वे इस भूमिका में नजर आ रहे हैं। यह डील बीसीसीआई की क्षमता को दर्शाती है कि वह बाजार की चुनौतियों के बावजूद बड़े कॉर्पोरेट भागीदारों को आकर्षित कर सकता है।रणनीतिक वित्तीय वृद्धि और भविष्य की संभावनाएं
बीसीसीआई द्वारा लगातार की जा रही ये बहु-करोड़ रुपये की साझेदारियां न केवल बोर्ड की वित्तीय। स्थिति को मजबूत करती हैं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये फंड खेल के विभिन्न स्तरों पर निवेश किए जाते हैं, जिसमें जमीनी स्तर पर क्रिकेट का विकास, खिलाड़ियों का प्रशिक्षण, अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन और अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण शामिल है और एशियन पेंट्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनी का जुड़ना बीसीसीआई के ब्रांड मूल्य और भारतीय क्रिकेट की व्यापक अपील को रेखांकित करता है। यह दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट एक आकर्षक निवेश अवसर। बना हुआ है, जो बड़े ब्रांडों को अपनी ओर खींचता है। भविष्य में भी बीसीसीआई की ऐसी और साझेदारियां करने की उम्मीद है, जिससे उसकी वित्तीय स्थिरता और वैश्विक क्रिकेट में उसका दबदबा बना रहेगा।