Vijay Hazare Trophy: BCCI ने एक खिलाड़ी को दी छूट, इन प्लेयर्स को भी खेलना होगा विजय हजारे ट्रॉफी
Vijay Hazare Trophy - BCCI ने एक खिलाड़ी को दी छूट, इन प्लेयर्स को भी खेलना होगा विजय हजारे ट्रॉफी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव करते हुए यह अनिवार्य कर दिया है कि राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके सभी सीनियर खिलाड़ियों को आगामी विजय हजारे ट्रॉफी में कम से कम दो मैच खेलने होंगे। यह निर्देश, जिसका उद्देश्य घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देना और अपने शीर्ष एथलीटों के लिए इष्टतम मैच फिटनेस सुनिश्चित करना है, 24 दिसंबर 2025 से 18 जनवरी 2026 तक चलने वाले प्रतिष्ठित घरेलू एक दिवसीय टूर्नामेंट से पहले आया है और हालांकि, इस व्यापक जनादेश के बीच, मध्य क्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को चोट से उबरने के कारण एक उल्लेखनीय छूट दी गई है।
घरेलू क्रिकेट के लिए एक रणनीतिक कदम
BCCI का यह फैसला भारतीय क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर घरेलू टूर्नामेंटों के महत्व पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करता है। रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसे स्टार खिलाड़ियों को विजय हजारे ट्रॉफी में शामिल होने के लिए अनिवार्य करके, बोर्ड का लक्ष्य प्रतिस्पर्धा के स्तर को बढ़ाना, युवा प्रतिभाओं को अमूल्य अनुभव प्रदान करना और टूर्नामेंट की दृश्यता और प्रतिष्ठा को बढ़ाना है और अंतरराष्ट्रीय दिग्गजों की उपस्थिति से राज्य-स्तरीय मैचों पर अधिक ध्यान आकर्षित होने की उम्मीद है, जिससे देश भर के महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों को प्रेरणा मिलेगी। यह कदम घरेलू क्रिकेट को मजबूत करने और इसे राष्ट्रीय टीम के लिए एक मजबूत आधार बनाने की BCCI की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस जनादेश का समय भी रणनीतिक है, जो भारत के। अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण अंतराल के साथ मेल खाता है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा टी20 सीरीज 19 दिसंबर को समाप्त हो रही है, जबकि अगला अंतरराष्ट्रीय असाइनमेंट, न्यूजीलैंड के खिलाफ एक सीरीज, 11 जनवरी से शुरू होगी। यह विंडो खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय दौरों के तत्काल दबाव के बिना प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में शामिल होने का एक आदर्श अवसर प्रदान करती है और bCCI का मानना है कि विजय हजारे ट्रॉफी में भाग लेने से खिलाड़ियों को अपनी मैच फिटनेस, लय और फॉर्म बनाए रखने में मदद मिलेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वे भविष्य की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। इस दृष्टिकोण को लंबे समय तक ब्रेक से उत्पन्न होने वाली किसी भी संभावित। सुस्ती को रोकने के लिए एक सक्रिय उपाय के रूप में देखा जाता है।पिछले प्रदर्शनों से सीख
बोर्ड का यह फैसला कथित तौर पर पिछले अनुभवों से भी प्रभावित है, विशेष रूप से इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में टीम के प्रदर्शन से। उस सीरीज में निराशाजनक परिणाम के बाद, BCCI के भीतर एक आंतरिक सहमति बनी थी कि सीनियर खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट में भागीदारी पर अधिक जोर दिया जाए। यह विश्वास है कि घरेलू सर्किट के साथ लगातार जुड़ाव खिलाड़ियों को जमीन से जुड़े रहने, विभिन्न परिस्थितियों के अनुकूल होने और लगातार अपने कौशल को निखारने में मदद करता है, जिससे अंततः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रदर्शन को लाभ होता है। यह जनादेश उस आत्मनिरीक्षण का सीधा परिणाम है, जिसका उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तत्परता के बीच किसी भी कथित अंतर को पाटना है।प्रमुख खिलाड़ी जो टूर्नामेंट में दिख सकते हैं
BCCI के निर्देश के बाद, कई प्रमुख भारतीय क्रिकेटर विजय हजारे ट्रॉफी में अपने राज्य के रंगों में खेलते हुए दिखाई देंगे। इस सूची में कप्तान रोहित शर्मा, बल्लेबाजी के उस्ताद विराट कोहली, युवा सनसनी शुभमन गिल, तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, बहुमुखी विकेटकीपर-बल्लेबाज केएल राहुल, गतिशील ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और विस्फोटक टी20 विशेषज्ञ सूर्यकुमार यादव शामिल हैं। विराट कोहली ने पहले ही अपनी उपलब्धता की पुष्टि कर दी है, जो इस नए जनादेश को खिलाड़ियों द्वारा गंभीरता से लेने का संकेत देता है। उनकी भागीदारी निस्संदेह टूर्नामेंट में एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धी बढ़त और स्टार पावर जोड़ेगी।श्रेयस अय्यर को छूट: चोट से उबरने का मामला
इस अनिवार्य भागीदारी से छूट पाने वाले एकमात्र खिलाड़ी श्रेयस अय्यर हैं। अय्यर को छूट देने का निर्णय ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान लगी हालिया चोट से उपजा है, जिसके कारण उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया था और वर्तमान में, अय्यर अपनी चोट से उबरने के लिए पुनर्वास प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। BCCI ने उन्हें प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के अतिरिक्त दबाव के बिना पूरी तरह से ठीक होने के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित। करने के लिए यह राहत दी है, जिससे उनकी दीर्घकालिक फिटनेस और राष्ट्रीय टीम में वापसी को प्राथमिकता दी जा सके।BCCI अधिकारी का स्पष्टीकरण
समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए एक BCCI अधिकारी ने इस नए नियम के कार्यान्वयन पर और प्रकाश डाला। अधिकारी ने कहा, "24 दिसंबर से न्यूजीलैंड वनडे सीरीज की शुरुआत तक विजय हजारे ट्रॉफी के छह राउंड होने हैं। यह खिलाड़ियों और उनके संबंधित राज्य संघों पर निर्भर करता है कि वे किन दो राउंड में खेलना चाहते हैं। " अधिकारी ने जनादेश की गैर-परक्राम्य प्रकृति पर और जोर देते हुए कहा, "हालांकि, मुल्लानपुर में दूसरे टी20 मैच के बाद खिलाड़ियों को साफ बता दिया गया है कि विजय हजारे को खिलाना ऑप्शनल नहीं है। प्लेयर्स को हर हाल में कम से कम 2-2 मैच खेलने ही होंगे। " यह स्पष्टीकरण शेड्यूलिंग के संदर्भ में दी गई लचीलेपन और भागीदारी के संबंध में सख्ती दोनों को उजागर करता है।टूर्नामेंट की गतिशीलता पर प्रभाव
सीनियर खिलाड़ियों का अनिवार्य समावेश विजय हजारे ट्रॉफी की गतिशीलता को महत्वपूर्ण रूप से बदलने के लिए तैयार है। यह न केवल टूर्नामेंट की प्रोफाइल को बढ़ाएगा बल्कि उभरती हुई प्रतिभाओं को दुनिया के कुछ बेहतरीन क्रिकेटरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने और उनसे सीखने का एक अमूल्य अवसर भी प्रदान करेगा और यह सीधा जुड़ाव और प्रतिस्पर्धा भारतीय क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे एक अधिक प्रतिस्पर्धी और मजबूत घरेलू सर्किट को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम BCCI की ओर से एक स्पष्ट संकेत है कि घरेलू क्रिकेट एक। महत्वपूर्ण सीढ़ी है और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए सिर्फ एक बैकअप विकल्प नहीं है।