दुनिया: कल से 20 दिनों तक रोज दिखेगा अंतरिक्ष से आया खूबसूरत चमकदार मेहमान

दुनिया - कल से 20 दिनों तक रोज दिखेगा अंतरिक्ष से आया खूबसूरत चमकदार मेहमान
| Updated on: 13-Jul-2020 09:00 AM IST
Delhi: 14 जुलाई 2020 यानी कल से अगले 20 दिनों तक के लिए आसमान में एक खूबसूरत मेहमान आ रहा है। इस बार आप मौका चूके तो फिर यह अगले 6000 सालों तक नजर नहीं आएगा। एक प्यारा सा धूमकेतु यानी कॉमेट भारत के ऊपर से गुजरता हुआ दिखाई देगा। यानी आप अपनी खुली आंखों से 14 जुलाई से लेकर अगले 20 दिनों तक हर सुबह रोशनी होने से ठीक पहले 20 मिनट के लिए इसे देख सकते हैं। अंतरिक्ष से आए इस मेहमान का नाम है नियोवाइज। 

नियोवाइज (Neowise) के कॉमेट है। यानी धूमकेतु। जिसका अगला हिस्सा तेजी से जलता हुआ निकलता है। इसके पीछे छोटी या लंबी रोशनी की पूंछ होती है। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर काफी वायरल हो रही हैं।

नियोवाइज को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस साल मार्च में खोजा था। यह हमारी धरती के सबसे करीब 22 और 23 जुलाई को रहेगा। तब धरती से इसकी दूरी करीब 10।3 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा होगी। 

धरती के कई हिस्सों में यह धूमकेतु दिखाई पड़ा है। अब बारी है भारत की। लेकिन उससे पहले इसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भी देखा गया। जब यह पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा था। तब इसकी तस्वीरें एस्ट्रोनॉट बॉब बेनकेन ने ली थीं।

नासा के अनुसार नियोवाइज (Neowise) सूरज के चारों तरफ अपना चक्कर 6800 सालों में एक बार लगाता है। यानी यह हमारे सौर मंडल में अगली बार हजारों सालों के बाद वापस आएगा। यानी हमारी धरती पर अब ये 6000 साल बाद ही देखने को मिलेगा। 

इसे देखने वालों के अच्छी खबर ये है कि इसे आप अपनी नंगी आंखों से, सामान्य दूरबीन से भी देख सकते हैं। अगर आपके पास एस्ट्रोनॉमिकल दूरबीन है तो नजारा और भी बेहतरीन दिखेगा। 

आप इसे सुबह की रोशनी होने से ठीक पहले के आधे घंटे के समय में देख सकते हैं। यानी अगर सूरज सुबह 5 बजे उगता है तो आप इसे 4।13 से 4।45 बजे के बीच उत्तर-पश्चिम की दिशा में देख सकते हैं। 

इस कॉमेट को वैज्ञानिक C/2020 F3 NEOWISE भी बुलाते हैं। ये भी हो सकता है कि जब आप इसे देखें तो आपको आसमान में कुछ हल्की-फुल्की आतिशबाजी भी देखने को मिल जाए। 

इस कॉमेट का नाम नियोवाइज, नासा के नियर-अर्थ ऑबजेक्ट वाइड फील्ड इंफ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर (NEOWISE) मिशन के नाम पर रखा गया है। क्योंकि इसी मिशन ने इस धूमकेतु की खोज 27 मार्च 2020 में की थी। इस स्पेसक्राफ्ट को दिसंबर 2009 में लॉन्च किया गया था।

धूमकेतु नियोवाइज का अध्ययन करने वाली नासा की वैज्ञानिक एमी मेंजर बताती हैं कि इस धूमकेतु का लंबाई करीब 5 किलोमीटर है। नियोवाइज की केंद्र का जन्म करीब 4।6 बिलियन साल पहले हुआ होगा। तब से यह अपने चक्कर के बीच हमारे सौर मंडल से भी गुजरता है।

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