Asia Cup 2025 Trophy: भारत को 34 दिन बाद भी नहीं मिली एशिया कप ट्रॉफी, BCCI नकवी से लेने को तैयार नहीं; ICC मीटिंग में उठेगा मुद्दा
Asia Cup 2025 Trophy - भारत को 34 दिन बाद भी नहीं मिली एशिया कप ट्रॉफी, BCCI नकवी से लेने को तैयार नहीं; ICC मीटिंग में उठेगा मुद्दा
भारत ने 28 सितंबर को एशिया कप 2023 का खिताब जीता था, लेकिन 34 दिन बीत जाने के बाद भी भारतीय टीम को उसकी प्रतिष्ठित ट्रॉफी नहीं मिली है। यह स्थिति क्रिकेट जगत में एक अभूतपूर्व विवाद को जन्म दे रही है, जहां एक चैंपियन टीम को अपनी जीत का प्रतीक प्राप्त करने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस मामले में एक कड़ा रुख अपनाया है, जिसके चलते ट्रॉफी की डिलीवरी में यह असामान्य देरी हो रही है और इस पूरे प्रकरण ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संबंधों में तनाव को उजागर किया है और अब सभी की निगाहें आगामी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की बैठक पर टिकी हैं, जहां इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है।
BCCI का स्पष्ट इनकार: मोहसिन नकवी से नहीं लेंगे ट्रॉफी
इस विवाद की जड़ में BCCI का यह स्पष्ट और अडिग रुख है कि वह एशिया कप ट्रॉफी एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रमुख मोहसिन नकवी के हाथों से स्वीकार नहीं करेगा और मोहसिन नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के भी प्रमुख हैं, और BCCI का मानना है कि उनकी दोहरी भूमिका और पाकिस्तान के साथ मौजूदा राजनीतिक-सैन्य तनाव के कारण उनसे सीधे ट्रॉफी लेना उचित नहीं है। BCCI के सचिव देवजीत सैकिया ने इस बात पर जोर दिया है कि उनका रुख बिल्कुल साफ है और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें नकवी से ट्रॉफी लेनी होती, तो वे फाइनल वाले दिन ही ले लेते। यह इनकार केवल एक औपचारिक प्रोटोकॉल का मामला नहीं है, बल्कि यह भारत के सुरक्षा और राजनीतिक चिंताओं को दर्शाता है, विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में यह निर्णय लिया गया था, जिसने दोनों देशों के बीच संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है।ICC की बैठक में उठेगा मुद्दा
इस गंभीर गतिरोध को देखते हुए, भारतीय क्रिकेट प्रशंसक और क्रिकेट बिरादरी अब 4 नवंबर से। दुबई में होने वाली इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की महत्वपूर्ण बैठक पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बैठक में एशिया कप ट्रॉफी न दिए जाने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा। BCCI के सचिव देवजीत सैकिया ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की कि वे एशिया कप ट्रॉफी विवाद को अपनी वार्षिक आम बैठक (Annual General Meeting) में उठाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि BCCI ने इस संबंध में 10 दिन पहले ACC को एक पत्र भी भेजा था, लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह दर्शाता है कि BCCI इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रहा है और वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर। इस पर चर्चा चाहता है ताकि इसका समाधान निकाला जा सके और भारतीय टीम को उसकी हकदार ट्रॉफी मिल सके।मोहसिन नकवी का अडिग रुख और ट्रॉफी का ठिकाना
दूसरी ओर, ACC प्रमुख मोहसिन नकवी भी अपने रुख पर अड़े हुए हैं। वह ACC चीफ होने के नाते खुद भारतीय टीम को ट्रॉफी देना चाहते हैं। एशिया कप फाइनल के बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी में भी उन्होंने इसी बात पर जोर दिया था। जब भारतीय टीम ने उनसे ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया, तो नकवी ट्रॉफी और मेडल्स अपने साथ लेकर दुबई के एक होटल चले गए थे और बाद में, पाकिस्तान जाने से पहले उन्होंने यह ट्रॉफी दुबई स्थित ACC ऑफिस में छोड़ दी थी। हालांकि, बाद में नकवी ने यह भी कहा था कि उनकी मर्जी के बिना कोई भी ट्रॉफी को हाथ नहीं लगा सकता और अगर भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव चाहें तो ACC दफ्तर आकर ट्रॉफी ले जा सकते हैं। फिलहाल, ट्रॉफी मोहसिन नकवी के पास अबुधाबी में है, जिससे स्थिति और भी। जटिल हो गई है और इसका समाधान निकालना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।फाइनल के दिन की घटनाएँ और विवाद की जड़
28 सितंबर को एशिया कप फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर शानदार जीत दर्ज की थी। जीत के बाद जब प्रेजेंटेशन सेरेमनी हुई, तो भारतीय टीम ने मोहसिन नकवी के हाथों एशिया कप ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। प्रेजेंटर साइमन डूल ने मंच पर ही घोषणा की थी कि भारतीय टीम नकवी से अवॉर्ड्स नहीं लेगी। भारतीय टीम ACC के किसी अन्य अधिकारी के हाथों ट्रॉफी लेने को तैयार थी, लेकिन नकवी खुद ट्रॉफी देने पर अड़ गए। इस गतिरोध के कारण कार्यक्रम समाप्त कर दिया गया और नकवी मंच से उतर गए, अपने साथ ट्रॉफी और मेडल्स भी ले गए। यह घटनाक्रम भारत के पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में लिया गया एक कड़ा स्टैंड था, जिसने दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों में मौजूदा तनाव को और बढ़ा दिया।
एशिया कप टूर्नामेंट के दौरान केवल ट्रॉफी विवाद ही नहीं, बल्कि मैदान पर भी भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच तनाव साफ देखा गया। भारतीय खिलाड़ियों ने पूरे टूर्नामेंट में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, जो दोनों देशों के बीच मौजूदा राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दर्शाता है और यह एक प्रतीकात्मक इशारा था कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध बनाए रखने के लिए तैयार नहीं है, जब तक कि सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा हल नहीं हो जाता। दूसरी ओर, पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने बार-बार '6-0' के इशारे किए थे।