मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में गुरुवार को इतिहास रचा गया। आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर फाइनल का टिकट कटाया। यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट में भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक है। जेमिमा रॉड्रिग्ज की नाबाद 127 रनों की विस्फोटक पारी और हरमनप्रीत कौर की 89 रनों की साहसिक साझेदारी ने 339 रनों के विशाल लक्ष्य को 48.3 ओवर में ही पार कर लिया। अब 2 नवंबर को फाइनल में भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होगा, जिसने इंग्लैंड को हराकर अपनी दावेदारी पेश की है।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 49.5 ओवर में 338 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। फीबी लिचफील्ड की 93 गेंदों में 119 रनों की शतकीय पारी ने टीम को मजबूत आधार दिया। एलिस पेरी ने 77 रन जोड़े, जबकि एश्ले गार्डनर की 63 रनों की तेजतर्रार knock ने स्कोर को 300 के पार पहुंचाया। लिचफील्ड और पेरी की 155 रनों की साझेदारी ने 350+ का सपना दिखाया, लेकिन अमनजोत कौर ने लिचफील्ड को आउट कर इस जोड़ी को तोड़ा। ताहिला मैक्ग्रा सिर्फ 12 रन बनाकर रनआउट हुईं।
भारतीय गेंदबाजी में स्पिन का जादू चला। श्री चरणी और दीप्ति शर्मा ने 2-2 विकेट झटके, जबकि क्रांति गौड़, अमनजोत कौर और राधा यादव ने 1-1 विकेट लिया। तीन बल्लेबाज रनआउट हुए, जो फील्डिंग की तीक्ष्णता दर्शाता है।
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को शुरुआती झटके लगे। शेफाली वर्मा (10 रन, 5 गेंद) और स्मृति मंधाना (24 रन, 24 गेंद) दोनों किम गार्थ की गेंद पर आउट हुईं। लेकिन तीसरे विकेट के लिए जेमिमा रॉड्रिग्ज और हरमनप्रीत कौर ने 167 रनों की यादगार साझेदारी की। हरमनप्रीत 89 रन बनाकर एनाबेल सदरलैंड की गेंद पर आउट हुईं, वहीं दीप्ति शर्मा 24 रन बनाकर रनआउट। ऋचा घोष 26 रन बनाकर सदरलैंड का शिकार बनीं। अंत में जेमिमा (127*) और अमनजोत कौर (15*) ने बिना विकेट गंवाए जीत सुनिश्चित की।
यह महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज है! इससे पहले का रिकॉर्ड 330 रनों का था, जो इसी साल ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ बनाया था। भारत ने इसे तोड़कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
ऑस्ट्रेलिया की अजेय यात्रा यहां थम गई। एलिस हीली की टीम टूर्नामेंट में अपराजित थी, लेकिन भारतीय महिलाओं ने साबित किया कि दबाव में भी चैंपियन बनना संभव है।
यह भारत का महिला वनडे वर्ल्ड कप में पांचवां सेमीफाइनल और तीसरी फाइनल एंट्री है। 2005 और 2017 में फाइनल खेल चुकी टीम अब खिताब की प्रबल दावेदार है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में जेमिमा की फॉर्म और स्पिन अटैक निर्णायक साबित हो सकती है।