Sharda Sihna Death: बिहार की मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली के एम्स में ली अंतिम सांस

Sharda Sihna Death - बिहार की मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली के एम्स में ली अंतिम सांस
| Updated on: 05-Nov-2024 10:42 PM IST
Sharda Sihna Death: बिहार की लोक गायिकी की पहचान और छठ पर्व की प्रमुख आवाज़ शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उन्होंने आखिरी सांस ली। अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, परंतु लाख कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनकी मृत्यु की खबर ने उनके चाहने वालों को गहरे दुख में डाल दिया है। अपने मधुर और मनमोहक छठ गीतों के लिए जानी जाने वाली शारदा सिन्हा, जो बिहार की स्वर कोकिला के रूप में प्रसिद्ध थीं, अब हमारे बीच नहीं रहीं।

परिवार की ओर से जानकारी

शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान ने सोशल मीडिया पर उनकी तबियत को लेकर जानकारी साझा की थी। उन्होंने एक वीडियो संदेश में बताया था कि उनकी मां की तबियत बेहद नाजुक है। 4 नवंबर, सोमवार की दोपहर को उनकी स्थिति बिगड़ने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया था।

लगातार आ रहे थे स्वास्थ्य अपडेट

शारदा सिन्हा की तबियत को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार अपडेट आ रहे थे। वह काफी समय से बीमार थीं और उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था। किडनी की समस्या के चलते उनका नियमित डायलिसिस भी चल रहा था। हालांकि, इस बार उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी और डॉक्टरों ने उन्हें AIIMS में भर्ती कर निगरानी में रखा था।

छठ पर्व से था गहरा जुड़ाव

लोक गायिकी की दुनिया में शारदा सिन्हा का नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है। छठ पर्व से जुड़े उनके गाने वर्षों से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। उनकी आवाज़ में गाए छठ गीत हर साल इस महापर्व के दौरान गूंजते हैं और लोगों के बीच एक अनोखा माहौल बना देते हैं। इस साल भी उन्होंने छठ पर्व के मौके पर एक नया गीत प्रस्तुत किया, जो उनके प्रशंसकों के लिए एक अंतिम तोहफा साबित हुआ।

संगीत जगत और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

शारदा सिन्हा के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर है। उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके बीमार होने पर उनकी स्थिति की जानकारी ली थी और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी।

एक युग का अंत

72 साल की उम्र में शारदा सिन्हा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से बिहार ही नहीं, पूरे देश ने एक अनमोल रत्न को खो दिया है। शारदा सिन्हा सिर्फ एक गायिका नहीं थीं, बल्कि बिहार की संस्कृति और लोक परंपराओं की पहचान थीं। उनके गीत सदैव उनके प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

उनकी अनुपस्थिति में आने वाला छठ पर्व अब थोड़ा फीका महसूस होगा, परंतु उनकी आवाज़ और गानों में उनकी यादें सदैव जीवित रहेंगी। संगीत प्रेमियों के लिए उनकी आवाज़ हमेशा अमर रहेगी।

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