नागपुर, राहुल गांधी के मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं गांधी है, सच्चाई के लिए मरते दम तक माफी नहीं मांगूंगा वाले बयान को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस बयान ने महराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। शिवसेना ने जहां कांग्रेस सांसद को वीर सावरकर की किताब पढ़ने की सलाह दी है। वहीं भाजपा लगातार शिवसेना के रुख को लेकर सवाल खड़े कर रही है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित भाजपा विधायक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 'मैं सावरकर हूं' की टोपी लगाकर हिस्सा लेने पहुंचे हैं।
विधानसभा के अंदर भाजपा विधायकों ने किया प्रदर्शनमहाराष्ट्र विधानसभा के अंदर भाजपा विधायकों ने राहुल गांधी के वीर सावरकर को लेकर दिए बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया।
शिवसेना ने बयान को बताया दुर्भाग्यपूर्णशिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को राहुल गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्हें सावरकर पर थोड़ा पढ़ने की नसीहत दे डाली तो वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे नाटकबाजी करार दिया है। इसी बीच, सावरकर के पोते रंजीत सावरकर भी इस लड़ाई में कूद पड़े और उन्होंने राहुल पर आपराधिक कार्रवाई करने की सरकार से मांग की।
यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र हैमायावती ने ट्वीट कर कहा, 'शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अब भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?'
राहुल के बयान से नहीं बदलेगा इतिहासराहुल गांधी के को लेकर शिवसेना ने उनपर हमला किया। पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी के बयान से इतिहास नहीं बदलेगा। राहुल को सावरकर के बारे में पढ़ने की नसीहत देते हुए राउत ने कहा, 'राहुल इतिहास के पन्ने नहीं फाड़ सकते हैं। सावरकर ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया है। राहुल के बयान से सावरकर का महत्व कम नहीं होगा।'