देश: ब्रिगेडियर लिड्डर की पत्नी ने उनके ताबूत को चूमा, कहा- उन्हें मुस्कुराकर विदा करना चाहिए

देश - ब्रिगेडियर लिड्डर की पत्नी ने उनके ताबूत को चूमा, कहा- उन्हें मुस्कुराकर विदा करना चाहिए
| Updated on: 10-Dec-2021 04:29 PM IST
नई दिल्ली: कुन्नूर के नजदीक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए सैनिकों में ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर भी शामिल थे जिन्होंने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के रक्षा सहायक के तौर पर तीनों सेनाओं में सुधार के लिए व्यापक कार्य किए थे. आज उनका दिल्ली (Delhi) के बरार स्क्वायर श्मशान घाट (Brar Square) में अंतिम संस्कार किया गया.

ब्रिगेडियर लिडर की पत्नी और उनकी बेटी ने दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर में उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) भी मौजूद दिखाई दिए. अपने पती को अंतिम विदाई देते समय ब्रिगेडियर की पत्नी गीतिका लिड्डर टूटकर रोती नजर आईं. उन्हें जिसने भी देखा उसकी आंखों से दुख और उदासी की धारा बह गई.

ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (Chief of Defence Staff General Bipin Rawat) के रक्षा सलाहकार थे. दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी ब्रिगेडियर लिड्डर की जल्द ही मेजर जनरल के तौर पर पदोन्नति होने वाली थी. उनकी बेटी आशना लिड्डर ने भी अपने पिता को नम आंखों से अंतिम विदाई दी.

लिड्डर की बेटी आशना लिड्डर ने पिता के अंतिम संस्कार के बाद कहा, ‘मैं 17 साल की होने वाली हूं. मेरे पापा मेरे साथ 17 साल तक रहे. हम उनकी अच्छी यादें अपने साथ लेकर चलेंगे. ये एक राष्ट्रीय क्षति है. मेरे पापा मेरे बेस्ट फ्रेंड थे और मेरे हीरो थे. वो बहुत खुश मिजाज इंसान और मेरे सबसे बड़े प्रेरक थे.’

ब्रिगेडियर एल.एस.लिड्डर की पत्नी गीतिका लिड्डर ने कहा, ‘हमें उन्हें हंसते हुए एक अच्छी विदाई देनी चाहिए. जिंदगी बहुत लंबी है. अब अगर भगवान को ये ही मंजूर है तो हम इसके साथ ही जिएंगे. वो एक बहुत अच्छे पिता थे. बेटी उन्हें बहुत याद करेगी. ये एक बहुत बड़ा नुकसान है.’

भारतीय वायुसेना के एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, ब्रिगेडियर लिड्डर और 10 अन्य सैन्यकर्मियों की मृत्यु हो गई थी.

सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित ब्रिगेडियर लिड्डर हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले थे और रक्षा अताशे के तौर पर कजाकिस्तान में भी पदस्थ रहे थे. वह दिसंबर 1990 में 2 जम्मू-कश्मीर राइफल्स से जुड़े और बाद में इसका नेतृत्व भी किया.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैंने ब्रिगेडियर एल. एस. लिड्डर को श्रद्धांजलि दी. मेरी भावनाएं उनके परिवार के साथ है. ईश्वर उन्हें इस अपार क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें.'

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